चक्रवात क्या है? किसे कहते है? | What is Cyclone? in Hindi
Cyclone एक समुद्री तूफान है। जिसे हिन्दी मे चक्रवात कहते है। आंधी, तूफान, चक्रवात के साथ इसे बवंडर के नाम से भी जाना जाता है। उदाहरणार्थ: हम जो देखते है की बसंत ऋतु के आगमन मे पत्तों के झडने के समय हवा के छोटे-छोटे बवंडर उठते है जिसमें बहुत सारा कचरा इधर से उधर गोल घूमता है, ठीक उसी का विराट् रूप होता है चक्रवात।
High speed तेज़ हवा कम दबाव वाले केंद्र बिंदु (center point) को परिक्रमा करती है। ऐसा ही कुछ हम को छोटे रूप मे जल तत्व मे भी देखने को मिलता है जिसे हम आम भाषा में भवरा (Mail storms) या भवंर (Vortex) कहते है। बहुत सी नदियों में ऐसे भवंर हमे देखने को मिलते है। अब जानेंगे Samandar me Cyclone kaise banta hai क्या प्रक्रिया होती है?
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समंदर में सायक्लोन कैसे बनता है?-Samandar me cyclone kaise banta hai
समंदर के उपर मंडराने वाली हवायें सूर्य की तापमान की वजह से अक्सर गर्म होती है तथा वजन मे हलकी होकर उपर उठती है जिसके परिणाम स्वरूप नीचे की ओर कम दबाव वाली जगह बन जाती है उस निर्वात को भरने के लिए उसके आजू-बाजू में तेज हवायें घूमती रहती है। और वहां साइक्लोन जन्म लेता है। वही कम दबाव वाली स्थिर जगह साइक्लोन का केंद्र बन जाती है और एक जगह से दूसरी जगह सफर करती है। इस केंद्र को सायक्लोन की आँख अर्थात Eye of the storm कहते है।
इस बीच तेज हवाओं का चक्र दूर-दूर तक की हवा को भी अपनी ओर खींच लेता है। वह चारों ओर की एरिया को अपने चपेट मे लेता है। इसलिए तूफान आने से पहले खामोशी छा जाती है पेड़ का पत्ता भी नहीं हिलता। यह सायक्लोन का घेरा 2 हजार किलो मीटर या उससे भी ज्यादा बड़े क्षेत्र को प्रभावित करता है। विज्ञान के खोज अनुसार तूफानों की निर्मिती मे पृथ्वी के घूमने का भी बड़ा हिस्सा है। जब हवायें चक्रवात के केंद्र मे खाली जगह को भरने के लिए जाती है पृथ्वी की घूमने की गती का बल उसे वापस मोडता है इसी कारण वह गोल घूमती है और सायक्लोन बनता है।
चक्रवात के प्रकार | Types of Cyclone in Hindi
ऊपर Samandar me cyclone kaise banta hai जानने बाद अब चक्रवात के प्रकार देखते है।
चक्रवात को मुख्य रूप से दो विभागों में वर्गीकृत किया गया है।
पहला है :
उष्ण कटिबंधीय
इस Cyclone का व्यास 80 से 300 किलोमीटर के बीच होता है किंतु कभी-कभी यह 50 किलोमीटर से भी कम हो जाता है। इसकी साधारण गती 28 से 32 किलो मीटर प्रति घंटा की हेती है। इसकी गती जमीन की अपेक्षा समंदर पर अधिक तेज़ होती है। यह सामान्यतया पूर्व से पश्चिम की ओर घूमते है। इनकी और एक विशेषता यह है कि यह कभी-कभी एक ही स्थान पर रुककर तीव्र वर्षा करते हैं। इनके निर्माण के लिए सागर की सतह का तापमान कम से कम 27° सेल्सियस होना जरूरी है तथा उष्ण जल की गहराई 200 मीटर तक होना जरूरी है।
दूसरा है:
शीतोष्ण चक्रवात
इनकी उत्पत्ति मुख्यतः पृथ्वी के दोनों गोलार्ध में 30°C से 65°C के दरम्यान होती है। इन अक्षाशओं के बीच उष्ण और शीत लहरों की मिलाप से इनकी उत्पती होती है। विशेषता यह ज़मीन और समंदर दोनो भी जगह पर उत्पन्न हो सकते है। हजारों किलोमीटर तक इनका विस्तार हो सकता है। इस प्रकार के तूफान से तेज़ बौछार के साथ रूप-रुककर बरसात होती है तथा ज्यादा दिनों तक चलती है। इनका वायुवेग उष्ण कटिबंधीय साइक्लोन से कम ही होता है। यह आम तौर पर शीत ऋतु मे ही उत्पन्न होते है।
तूफान से कैसे बचे? | How to survive a Cyclone? in Hindi
ऊपर Samandar me cyclone kaise banta hai यह तो हमने देख लिया। अब इससे बचने के उपाय देखते है।
अगर आपको बहुत पहले सूचना मिलती है तो अपना घर ठीक से बंद कर के परिवार सहित अपने जिले या राज्य से सफर पर कहीं बाहर चले जाए और गांव की खबरों पर पुरी नजर रखे। वैसे भारी ख़तरा हो तो सरकार यह काम खुद कराती है।
चक्रवात आने की संभावना हो तो तुरंत वह जगह छोड़ दो जिसकी दिवारें कमजोर हो या भारी टिन शेड की बनी हो।
तूफान मे मुंह पर मास्क और आंखों पर गॉगल ज़रूर लगायें और जितना हो सके अपनी पुरी त्वचा ढककर रखे। वायु में बहुत से खतरनाक धूलिकण मौजूद होते है।
घर में हो तो छत पर बिल्कुल ना चढ़े, घर में ही खिड़की दरवाज़े बंद कर के उनके पास अंदर से सोफा जैसे कोई भारी चीज़े रख दे। इससे हवा खिड़कीयां दरवाज़े तोड़कर अंदर ना आयें।
घर मे टॉर्च, माचीस और मोमबत्ती ज़रूर रखे, तथा बिजली के किसी भी उपकरणों से ना छुए, और शॉवर नल आदी को भी ना छुए क्योंकि तूफान मे तीव्र बिजलीयाँ बरसती है जो पानी के सहारे घर मे प्रवेश कर सकती है।
टि वी, रेडियो द्वारा मौसम विभाग की सूचनाओं पर ध्यान रखे तथा घर से बाहर कम ही रखे तूफान के खत्म होने तक का खाने-पीने का सामान घर मे स्टॉक करके रखे।
आप किसी मजबूत घर नहीं बल्कि रास्ते मे हो या कार चला रहे हो तो त्वरीत रास्ते के बाजू में पार्क करके अंदर ही बैठे रहे, कार की खिड़कीयां ना खोले। तीव्र वेग वाले Cyclone मे हल्की वजन वाली गाड़ियाँ उड़ जाती है। इसलिए ऐसा कोई ख़तरा दिखे तो उतर कर रास्ते के किनारे जमिन पर लेट जाये और अपने दोनों हाथों से या हेल्मेट जैसी किसी कठिन चीज से सर को ढक ले। क्योंकि तूफान मे कोई भी वस्तु उड़कर आप पर गिर सकती है।
घर ज्यादा पुराना हो तो उसमें रूकना खतरे से खाली नहीं इस स्थीती में किसी पडैसी के मजबूत घर का सहारा ले या फिर सरकार से मदद मांगे। आज तक तूफानों मे बहुत से पुराने घरों ने दम तोड़ दिया है।
चक्रवात जैसे किसी भी प्राकृतिक आपदा में देश की सरकार से कोई उम्मीद लगाकर समय ख़राब करने के बजाए हमें स्वयं अपने बचाव के लिए उपाय ढूंढने चाहिए।
आशा है की आप Samandar me Cyclone kaise banta hai इस बारे मे आप अच्छी तरह जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे। साथ मे चक्रवात के संकट से बचने के कुछ उपाय भी बताये है। Hindi Option की यह पोस्ट आप को पसंद आयी हो तो ज़रूर कमेंट लिखना। अपना कीमती वक्त निकाल कर ध्यान से पढने के लिए दिल से धन्यवाद!