हम भारतीय Freedom fighter के 21 slogans को जानने से पहले उनके उद्घोषक स्वतंत्रता सेनानीयों की याद करके उन्हे भावपूर्ण श्रध्दांजली आर्पित करेंगे!
Indian Freedom fighter विशेष जानकारी
आज हम 21 Slogans of Freedom Fighter में देखेंगे की कौन सा नारा किस Freedom Fighter ने कब दिया था? और साथ में हो सके तो क्यों दिया था ये भी देखेंगे।
1 ➡ इंकलाब जिंदाबाद-Inquilab Zindabad
Freedom fighter शहीद भगत सिंह जी का नारा
भगत सिंह जी ने यह नारा लगाते हुए 8 April 1929 को बटुकेश्वर दत्तजी के साथ मिलकर Central Legislative Assembly में बहरे अंग्रेजों के कान खोलने के लिए बम फेंका था।
यह नारा हसरत मोहानी जी द्वारा बनाया गया था जिसे फिर भगत सिंह जी द्वारा प्रसिध्दी मिली।
2 ➡ वन्दे मातरम्-Vande Mataram
Indian Freedom fighter बंकिम चन्द्र चटर्जी
वास्तव मे बंकिम चन्द्र चटर्जी का यह नारा उनके गीत वंदे मातरम् से लिया गया है, इस गीत की रचना उन्होने ७ नवंबर १८७६ में कि थी।
१४ आगस्त १९४७ को संविधान सभा की पहली Meeting कि शुरूआत इस गीत से हुई थी वंदे मातरम् यह भारत माँ को प्रणाम करने वाला नारा सभी क्रांतीकारीयों मे जान फुंकने का काम कर गया। बंकिम चन्द्र चटर्जी ने इस गीत को अपनी “आनंद मठ” नामक रचना मे प्रयोग किया है।
3 ➡ करो या मरो-do or die
महात्मा गाँधीजी का नारा
“Do or Die” अर्थात करो या मरो भारत छोड़ो आंदोलन के समय मुंबई के एक कार्यक्रम मे 8 अगस्त 1942 गांधी जी ने यह नारा दिया था।
करो या मरो के पिछे गांधी बापू का यह उद्देश्य था की, या तो हम अपने देश को स्वतंत्र करने के लिए मैदान मे उतरे, या फिर जान दे दे। उन्होने आगे कहा भारत के लोग करो या मरो यह मंत्र अपनी हर श्वास के साथ जपना चालू करे।
4 ➡ जय जवान! जय किसान!-Jai Jawan! Jai kisaan
लाल बहादुर शास्त्रीजी का नारा
जय जवान! जय किसान! इसे भारत का राष्ट्रीय नारा भी कहा जाता है
देश के दूसरे प्रधानमंत्री रहे श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने दशहरे के दिन एक जन सभा को संबोधित करते हुए दिल्ली के रामलीला मैदान मे, अपने भाषण दौरान १९६५ मे जय जवान! जय किसान! का नारा दिया था।
5 ➡ जय हिन्द!-Jai Hind!
Freedom fighter सुभाष चन्द्र बोसजी का नारा
यह नारा सुभाष चन्द्र बोस जी द्वारा 1947 मे युद्ध घोष के रूप मे प्रसारित हुआ था, सुभाषचंद्र जी इस नारे को अपने हर भाषण के अंत मे बोलते थे। तब से लेकर आज तक यह प्रथा चली आयी है। बाद मे इस नारे को राष्ट्रीय नारे के रूप मे स्वीकृति मिली कुछ लोगों का मानना है कि, इस नारे को पहले भारतीय युवक आबिद हसन सफ़रानी ने दिया था। अब यह तो संशोधन का विषय है इस पर हम कुछ नही कह सकते।
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6 ➡ आराम हराम है-Not allowed to rest
पंडित जवाहरलाल नेहरू का नारा
भारत के युवक आलस्य त्याग कर कठोर परिश्रमी बने इस इच्छा से भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यह नारा दिया था।
7 ➡ दुश्मनों की गोलियों का हम सामना करेंगे, आज़ाद हैं, आज़ाद ही रहेंगे
Freedom fighter चन्द्रशेखर आज़ादजी का नारा
अंग्रेजी हुक़ूमत को ज़िन्दा पकड़ने का Challenge देने वाले चंद्रशेखर जी ने जानबूझकर अपना नाम आज़ाद रखवा दिया था। ताकी आंग्रेजों के मुहँ से बार-बार चंद्रशेखर के साथ आज़ाद बुलवाया जाए। उनका वास्तविक नाम चंद्रशेखर सीताराम तिवारी था। केवल 25 वर्ष के उम्र मे देश के लिए शहीद होने वाले इस महान क्रांतिकारी भारत माँ के लाल का यह नारा आज भी युवकों मे शक्ति भरता है।
8 ➡ स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा (Swaraj is my birthright, and I will take it)
Freedom fighter बाल गंगाधर तिलक जी का नारा
यह चिंगारी की तरह क्रांतिकारीयों के दिल मे आग लगाने वाला नारा, गरम दल के बाल गंगाधर तिलक जी ने बुलंद किया था। यह स्वतंत्रता इतिहास के सबसे प्रसिद्ध नारों में से एक है। इस नारें ने करोड़ों भारतीयों को क्रांति की राह पर दौड़ना सिखाया है।
9 ➡ अंग्रेजों भारत छोड़ो-British Quit India
महात्मा गाँधीजी का नारा
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जब जापान की ताकत बढ़ गयी और इंग्लैंड सभी मोर्चों पर मुहकी खा रहा था। तब भारत पर जापान के हमले कि संभावना को देखकर 8 अगस्त 1942 मे महात्मा गांधी जी ने अपनी आखिरी मुहिम “अंग्रजों भारत छोड़ो” चलाई। जिसमे यह नारा आस्तीत्व मे आया। इस आंन्दोलन को आगस्त क्रांति नाम से भी जाना जाता है।
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10 ➡ तुम मुझे खून दो मै तुम्हें आज़ादी दूँगा-You give me blood i will give you freedom
Freedom fighter नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी का नारा
१९ मार्च १९४४ को नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की आज़ाद हिंद सेनाने भारत की जमिन पर कदम रखा और इंफाल, कोहिमा आदि स्थानोंपर ब्रिटिश सेना को परास्त कर के विजय प्राप्त की । तथा विजयश्री की अवसर पर २२ सितंबर १९४४ को रंगून के जूबली हॉल मे “तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आज़ादी दुंगा” यह जोश भरने वाला नारा नेताजी ने दिया इसके बाद उन्होने स्वयं अपने खून से प्रतिज्ञा लिखी।
11 ➡ सत्यमेव जयते-Satyameva Jayate
Freedom fighter पंडित मदन मोहन मालवीय जी का नारा
सत्यमेव जयते’ यह नारा मूलतः मुण्डक-उपनिषद से लिया गया है, वह इस उपनिषद का सर्वज्ञात मंत्र 3.1.6 है।
मदन मोहन मालवीय जी ने पहली बार 1918 मे उपयोग किया था। और उन्होने ही इसको प्रसिद्ध किया यह वाक्य भारत के Indian emblem के नीचे देवनागरी लिपि में अंकित किया गया है। क्योंकि इसे भारत ने इसे National Motto के रूप मे अपनाया है।
12 ➡ सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है….देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है…
Freedom fighter बिस्मिल जी का नारा
सरफरोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है….देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है… यह कविता प्रथम 1921 मे पटना, बिहार के एक प्रसिध्द कवि बिस्मिल अज़िमाबादी जी ने उर्दू मे लिखी थी। जिसे रामप्रसाद बिस्मिल जी ने अपना नारा बनाया। एक मुकदमे के दौरान सामुदायिक रूप से गा कर उन्होने इसे लोकप्रिय बनाया।
13 ➡ अब भी जिसका खून न खौला खून नहीं वो पानी है…जो ना आयें देश के काम वो बेकार जवानी है
Freedom fighter चन्द्रशेखर आज़ाद जी का नारा
देश के नौजवानों को भारत मात स्वतंत्रता दिलाने के लिए प्रेरीत करने हेतु तडफदार क्रांतीकारी अमर शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद जी ने यह नारा दिया था।
14 ➡ साइमन गो बैक-Simon go back
Freedom fighter लाला लाजपत राय जी का नारा
ब्रिटीशों ने सर जोहन साइमन न२मक व्यक्ति को उसके 7 सदस्यों के साथ भारतीय संविधान का अध्ययन करने 1927 मे भेजा था। लेकिन उनकी टिम मे एक भी भारतीय व्यक्ति नही था। इसलिए पंजाबी शेर लाला लाजपत राय जी ने उनका विरोध करने के लिए एक आंदोलन छेड़ा जिसमे “साइमन गो बैक” का नारा लगाया गया था। और कुछ अध्ययन के मुताबिक युसूफ़ मेहर अली जी ने यह नारा लगाया था।
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15 ➡ पूर्ण स्वराज-Complete independence
पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का नारा
1929 मे अपनी पार्टी के अधिवेशन मे पंडित जी ने यह नारा दिया था।
16 ➡ हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान-Hindi, Hindu, Hindustan
प्रताप नारायण मिश्र जी का नारा
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जीले मे बैजे गांव के प्रताप नारायण मिश्र जी ने देश की एकता और अखंडता बनाये रखने के लिए हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान’ नारा दिया था। मिश्र जी प्रसिद्ध साहीतीक और समाज सुधारक के रूप मे पहचाने जाते है।
17 ➡ : मैं अपनी झाँसी नहीं दूँगी
रानी लक्ष्मीबाई जी का नारा
Sir Hugh Rose ने 1858 में झाँसी पर आक्रमण करके कब्जा करने का प्रयत्न किया था। तब 17 जुन 1858 मे मर्दानी रानी लक्ष्मीबाई जी ने अपने हथुयार डालने से मना किया, और मैं अपनी झाँसी नहीं दूँगी यह नारा दिया था।
18 ➡ कर मत दो-Don’t pay Tax
Freedom fighter सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का नारा
खेडा संघर्ष नाम के आंदोलन से संबंधीत यह नारा है। सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के जीवन मे गुजरात राज्य का खेडा खंट भयंकर सुखे के चपेट मे आया था। इसलिए किसानों ने ब्रिटीश सरकार से टॅक्स माफ करने का आग्रह किया किंतु निर्लज्ज निर्दयी ब्रिटीशों ने उसे अस्वीकार किया। तब सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने “कर मत दो” यह नारा देकर आंदोलन छेडा।
19 ➡ जय जगत-Jai jagat
विनोबा भवे का नारा
प्रसिद्ध गांधीवादी नेता विनायक नरहरी भावे अर्थात विनोबा भावेजी ने अपने “भू दान” इस आंदोलन मे “जय जगत” का नारा दिया था। इस नारे की शुरूआत प्रथम बार हैद्राबाद राज्य से हुई थी।
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20 ➡ साम्राज्य वाद का नाश हो
Freedom fighter शहीद भगत सिंह जी का नारा
शहीद भगत सिंह जी के प्रसिद्ध नारों मे से साम्राज्य वाद का नाश हो यह भी एक नारा है।
21 ➡ मारो फिरंगी को-Kill the british
Freedom fighter मंगल पांडे जी का नारा
1857 मे जोधपुर लिजियन के क्रांतिकारी सैनिकों ने चलो दिली “मारो फिरंगी” यह नारा दिया था। इतिहास मे इस नारे को मंगल पांडे जी के नाम से संबंधित जाना जाता है।
नोट: कुछ नारों के लिए तारीख, व्यक्ति, स्थान को लेकर हर किसी की मत विभिन्नता हो सकती है!
आशा करता हुँ मित्रों आप देश भक्तों को इन नारों से जिवन मे अवश्य कुछ Motivation. मिलेगा तथा Hindi Hints की स्वतंत्रता लड़ाई के 21 प्रसिद्ध नारे-21 Slogans of Freedom Fight इस पोस्ट से भारतीय स्वतंत्रा इतिहास को जानने का आप को थोडा बहुत अवसर भी मिला होगा आप को अगर सच मे अच्छी लगी हो तो दो लाइन अपनी राय की कमेंट बॉक्स मे लिखना ना भूलें यही मेरी खुशी होगी। लेख को पूरा पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद!
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