क्या आप को पता है? धीरे -धीरे दुनिया का पतन यानि विनाश हो रहा है। आज हम आप को world end के १० निशानियों के बारे में सत्य घटनाओं पर आधारित जानकारी देंगे।
दुनिया का विनाश क्यूँ होता है? – Why does the World end?
दोस्तों मराठी मे एक कहावत है, “अति तिथे माती” अर्थात जिस बात की अति हो जाये उसका अंत निश्चित है। वैसे ही इस सृष्टि मे आपको बहुत सारे ऐसे कार्य देखने को मिलेंगे जो समय के बहाव में अति होते जा रहे है। और दूसरी बात यह भी है की कोई भी वस्तु, पदार्थ तो एक ना एक दिन कभी तो नष्ट होना ही है। जो नया है उसे पुराना हो नही है। परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है। हम देखेंगे की world end के वो लक्षण कोनसे है जो हमें आज स्पष्ट दिखाई दे रहे है।
विश्व विनाश के लक्षण – The World end signs
आप के आस-पास अनेक विनाशकारी घटनायें घटित हो रही है और संकेत भी मिल रहे है। जिसे शायद आप, मैं और दुनिया वाले दूर लक्षित कर रहे है। विश्व विनाश के संकेतों को ही हम लक्षण या निशानी कहेंगे। क्यों की हर संकेत का कुछ ना कुछ विनाशकारी लक्षण अथवा परिणाम है।
1. प्राकृतिक परिवर्तन – Natural changes
मच्छर तो दुगने Strong हो चुके है, लेकिन अब ऐसे ख़तरनाक कीड़े जन्म ले रहे है, जो कभी आप के पूर्वजों ने देखे भी नही होंगे।
अनाज के उगने से लेकर इन्सानों के खाने तक अनेकों किड़ो का आक्रमण हो रहा है। मौसम बदलते ही विभिन्न प्रकार के कीड़े, पंखुड़ियां आ जाते है। खेती का नुकसान करते है। इनसानों से लेकर जानवरों तक हर चीज का संकरित रूप संशोधित किया जा रहा है। जिसके क्वॉलिटी की कोई गारंटी नही है। सबकुछ प्राकृतिक रूप नष्ट रहा है। ये world end के ही लक्षण है।
2. जन संख्या विस्फोट और खत्म होते संसाधन
दुनिया की जन संख्या पिछले कुछ सालों मे 700 करोड़ के पार चली गयी है। और हर मनुष्य बुध्दिमान होने कारण एशो-आराम के लिए प्राणियों से ज्यादा प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करता है।
परिणामत: गैस, तेल, कोयला जैसे उर्जा संसाधन तेजी से खत्म होते जा रहे है। तनिक सोचों जिस दिन ये सारे के सारे खत्म हो वो दिन कैसा होगा? और वो दिन अब दूर नही। साथ ही ज़मीन की उपजाऊ ताकत भी खत्म हो रही है। बिना खाद के मिट्टी मे अनाज नही उगता। ज़मीन का सैकडों साल पुराना 400-500 फिट नीचे का भू-जल स्तर भी कम हो रहा है। ये आप फेल हो रहे बोरवेल मे देख सकते हो। अब जब सबकुछ संसाधन कम हो रहे है तो आप को ये दुनिया के विनाश का संकेत नही लगता?
3. विनाश और बीमारीयां world end के लक्षण
कोरोना जैसी अनेकों महामारी, मनुष्योंका शारीरिक दुर्बल हो जाना, जवान होकर भी 1 घंटा तक भी बिना सहारे नही खड़ा हो पाना, केवल हवा पलटने पर भी सर्दी जुकाम होना, बच्चे के पैदा होते ही अनेकों टिके ( Vaccination) लगाना, फिर भी बड़ी मात्रा मे हार्ट-अटैक, कैंसर शुगर बीपी ये सब महाविनाश के ही संकेत है।
महामारी पहले भी आती थी लेकिन इतने सारे प्रकार की एकसाथ पहली बार फ़ैल रही है। कोरोना (COVID19), Omicron, इबोला, चिकनगुनिआ, बार्ड फ्लू , स्वाइन फ्लू , म्यूकोर्मिकोसिस (Mucormycosis) इत्यादि बहुत सारे।
4. धार्मिक नायकत्व स्थापित करने के लिए खुनी संघर्ष
धर्म शक्तियों द्वारा आपने धर्म की मैजॉरीटी बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर संघर्ष सामने आ रहा है। जो खून ख़राबे तक पहुँच चुका है। जो संभव हो दूसरे धर्म के लोगों को आपने धर्म में लाने के लिए अलग-अलग हथकंडा अपनाया जा रहा है।
5. अणु बम और विनाशक आस्त्र – Destructive weapon
आज दुनिया मे इतने अणु बम मौजूद है, जिसका अगर उपयोग किया जाए तो ये समस्त पृथ्वी 7 बार नष्ट हो सकती है। और आप ग़ौर कीजिए सभी के सभी पिछले 10 या 20 सालों मे ही बनाये गये है। सोचने की बात है मनुष्य रूपी वैज्ञानिकों को ये प्रेरणा कहां से और क्यों मिल रही है? लेकिन कुछ भी हो यह भी पृथ्वी का विनाश करने वाला संकेत ही है। हर देश अपनी सुरक्षा के नाम पर एक से बढ़कर एक घातक हतियार बना रहा है जो दुनिया के सब मनुष्य और प्राणियों को एक दिन नष्ट कर देंगे। और तब कोई किसी पर दया नहीं करेगा।
6. World end के प्रति धर्मग्रंथ
लगभग सभी धर्मशास्त्र अलग अलग पध्दती से सृष्टी के महाविनाश का संकेत देते है। कोई विनाश के दुष्कृत्य दिखने लगे तब मैं आता हूँ और नये रूप मे रचना करता हूँ।
किसी मे लिखा है क़यामत के समय सब का अच्छे-बुरे, इमान, बेईमान का हिसाब होगा। कोई कहता है भयंकर नैसर्गिक आपत्तियाँ भूकंप, भुखमरी आयेगी और मसीहा के अवतरण से व्यवस्था परिवर्तन होगी।
7. युग और धातु परिवर्तन
जैसे-जैसे सतयुग से लेकर कलयुग तक का समय बिता जा रहा था, वैसे सोने के बर्तन मे खाने वाले लोग, चाँदी पर आ गये। चाँदी से फिर तांबा-पित्तल फिर अल्युमिनिअम, लोहा याने स्टील, और अब प्लास्टीक प्लेट, ग्लास चमच से खाने लगे है यह संकेत भी अंतीम समय महाविनाश की ओर इशारा करता है।
हाल ही में एक सर्वेक्षण में देखा गया की पिछले एक दशक में दुनिया में अबतक का सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा फैला है। जिसके कारन जल-वायु परिवर्तन में तेजी आ गयी है। और सृष्टि पतन की और बढ़ रही है।
8. World destruction के रिश्तों में लक्षण
घोर कलयुग और दुनिया के विनाश की यह एक खास निशानी है। इसमें परायें लोग अच्छे लगना और अपनों से परायापन, खून के रिश्ते मे भी गहरी दुश्मनी, माँ-बाप का बच्चों के संस्कार पर अनदेखी, बच्चों का मां बाप को बुढ़ापे धुतकारना, विद्यार्थी का गुरूजी के प्रति सम्मान कम होना, भक्तों का भगवान से रिश्ता केवल कुछ मांगने भर का, मुराद पुरी ना हो तो भगवान को भूल जाना और भक्ति मे कमी आदी सबकुछ विनाश के ही संकेत है।
जैसे-जैसे विनाश का समय नजदीक आते जाता है ये लक्षण सुर भी गहरे होते जाते है। जिसकी वजह से हम झगड़े, तनाव आदि के शिकार हो जाते है। साथ ही धार्मिक और सामाजि रिश्ते भी नफ़रत के चरम सीमापर होते है। जिससे हर देश में गृह क्लेश बढ़ाते जाते है। और परिणाम स्वरुप दो देशों में युद्ध भी हो सकते है।
इन लक्षणों के पीछे तामसिकता के कारण मनुष्यों में हर दिन बढ़ते विकार है। जैसे काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार आदि। यही विकार विनाश की जड़ है ऐसा कहा जाय तो झूठ नहीं होगा। आप बारीकी से निरिक्षण कीजिए इन विकारों ने रिश्तों के मायने भी लाँघ लिए है , खास करके काम विकार ने, और क्रोध तो भगवान समान समझे जाने वाले छोटे शिशु में भी अब दिखाई दे रहा है।
9. सर्व शास्त्रमयी शिरोमणि श्रीमत भगवत गीता में संकेत
भग्वद गीता मे जो विनाश के संकेत वह अभी दिखने लगे है। चहुंओर अराजकता पापाचार भ्रष्टाचार कहीं गुना बढ़ चुका है, व्यक्ति की अकाल मृत्यु अकाल बुढ़ापा आना नारी के सम्मान मे कमी, नारी का लज्जा छोड़ना और काम, क्रोध जैसे विकारों का बढना, तेज़ धूप तीखी बारिश।
ये सब विनाश के ही दुष्कृत्य है। और हम इसे बिलकुल महाविनाश की शुरुआत के संकेत को जोड़कर देख सकते है।
इसके अतिरिक्त दुनिया के बाकी धर्म ग्रन्थ में भी दुनिया के विनाश के संकेत लिखे गए है। जिसे हम मनुष्यों को पढ़ना चाहिए और आपने जीवन को अच्छे कर्मों से परिवर्तन करना चहिए।
10. नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी – Nostradamus Prophecy
महान जर्मन भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस जिसकी 6338 भविष्यवाणीयाँ उपलब्ध है, जिसमे से अब तक 70% भविष्यवाणीयाँ सही निकली है। पुर्ण सृष्टि पर आज तक वह एक ही ऐसा व्यक्ति होकर गया है, जिसको सैकडों सालों तक का भविष्य खुली आँखों से दिखता था।
किंतु दुनिया के भारी विरोध के कारण उसने सभी को सांकेतिक भाषा मे लिख कर रखा है। इसलिए उसका अर्थ घटना घटीत होने के बाद पता चलता है। जैसे पंतप्रधान इंदीराजी की हत्या, अमेरिका के World Trade Center पर हमला, आदी भविष्यवाणीयाँ घटना के बाद समझ मे आयी है। उनकी भविष्यवाणीयों मे भारत पाकिस्थान के नाम के लिए तीनों समंदर से घिरा हुआ देश, और चंद्रमा के कोर का देश, कुछ इस तरह संकेत दिये है।
World destruction prediction Nostradamus in Hindi
पृथ्वी के विनाश के बारे मे उन्होने Global warming से जलवायु परिवर्तन और उससे होनेवाली प्रचंड प्राकृतिक आपदा भूकंप, धूमकेतु बरसना आदी के बारे मे बहुत से संकेत दिये है। उन्होने अंत मे एक बात कही है की 2035 के बाद मुझे कोई भविष्यवाणी नही दिख रही है। इसे हम दुनिया के महाविनाश के संकेत से भी जोड़कर देख सकते है। नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी की ताज़ा वीडियो आप के लिए ज़रूर देखें !
अंत मे मैं यहीं कहना चाहुंगा मित्रों, आप जो बार-बार सोचते हो, ना जाने ये दुनिया कब डूब जायेंगी? उसका जबाब है बड़ी मात्रा मे मौतें माना दुनिया का डूबना चालू ही तो है! बस हमारा नंबर उसमे ना लगे यही कोशिश करनी होगी।
क्योंकि जिस दिन हम मर गये तो हमारे लिए दुनिया ही डूब गयी समझो, मेरी बातें हास्यास्पद भी लग सकती है किंतु ये सच है या नही आप ही बताओ। निचे कमेंट बॉक्स दिया है अपनी राय ज़रूर बताए। हो सकता है इस विषय पर आपको मुझसे ज्यादा और ज्ञान प्राप्त हो। World end signs
आशा करता हुं Hindi Hints की आपको world end 10 signs in hindi यह पोस्ट अच्छी लगी होगी। पढने के लिए दिल से धन्यवाद!
नोट: विषय और लेख, लेखक के आपने विचार है, किसी को डराने या चिंता मे डालने के उद्देश्य से नही लिखा गया है। यदि ऐसा होता है तो केवल मात्र संयोग समझे।