व्रत-उपवास के आध्यात्मिक फायदे – Spiritual benefits of Fasting
वैसे तो हमने यह लेख Intermittent fasting के सेहत को कितने फायदे है यह बताने के लिए लिखा है। किंतु लगभग सभी धर्मों ने उपवास को आध्यात्म से जोड़ा है। ईश्वर की प्रसंन्नता का कारण बता कर भक्तों को उपवास रखने के लिए मजबूर किया है। ताकी उनका शरीर यानी भगवान ने दियी हुई अनोखी मशीन का इंजन जिंदगी भर व्यवस्थित काम करे।
वास्तव में भगवान कभी अपने भक्तों को उपवास रखने को नहीं कहते। एक बात बताओ कोई मां-बाप का बच्चा उनके आगे भूख से तड़पे तो क्या वह सहन करेंगे? आप ने देखा होगा पंछी भी घोसलों में ढूंढ-ढूंढ कर दाना लाकर अपने बच्चों को खिलाते है।
अगर हम अपने बच्चों को भुखा देख सकते तो फिर वह तो भगवान है।
हम सभी मनुष्य आत्माओं का असली माता-पिता दया का सागर वह कैसे हमें भूखा देख पायेंगे? तो फिर आप सोच रहे होंगे हम भगवान को खुश करने के लिए या उनसे इच्छित फल पाने के लिए उपवास क्यों करते है? आईये जानते है।
उपवास का आध्यात्मिक महत्व – Spiritual importance of fasting
वास्तव में Spiritual fasting की रचना जब भी किसी ने कि होगी उनका उद्देश्य भूखा रहकर भगवान को नाराज़ या प्रसन्न करना बिल्कुल नहीं था बल्कि उनका सही उद्देश्य था उपवास के दिन मनुष्य मन और बुद्धी से ईश्वर के पास रहे अर्थात चिंतन में रहे। उपवास का विग्रह किया जाये तो यही अर्थ निकलता है “उप” यानी नज़दीक तथा “वास” यानी रहना।
अपने निजी सांसारिक कर्म करते हुए मन और बुद्धी से भगवान के नज़दीक यानी चिंतन मे रहना। लेकिन जैसे कोई बच्चा खाना नहीं खाकर अपने मां-बाप को किसी बात के लिए मनवा लेता है और अपनी इच्छा पूर्ण करता है। ठीक वैसे ही मनुष्यों ने भी भगवान से वांछित फल पाने के लिए भूखा रहना या उपवास करना शुरू कर दिया।
अब वह तो दया सागर भगवान है वह भी बच्चों पर तरस खाकर आखिर फल दे देते है। इसलिए फल पाने के लिए मनुष्य और ज्यादा कडक वृत्त, निर्जली वृत्त रखते है अर्थात भोजन के साथ पानी भी त्यागते है।
या फ़िर इस तरह के भूखा रहनेवाले उपवास का दूसरा उद्देश्य स्वस्थ्य लाभ के लिए भी रहा होगा। आध्यात्मिक उपवास की रचना जिस किसी महापुरुषों ने की होगी उन्हे स्वास्थ्य के लिए fasting कितनी उपयोगी है यह पता चला होगा।
तभी समाज कल्याण के लिए उसे आध्यात्मिक रूप देकर प्रचलित किया होगा या परंपरा बनायी होगी। और उपवास के दिन ईश्वर के चिंतन के साथ डायटिंग भी अनिवार्य किया होगा। किंतु विज्ञान जैसे-जैसे प्रगत होता गया बाद में पता चला की वृत्त उपवास से वजन घटता नही बल्कि बढता है। फिर Intermittent fasting को संशोधकों ने खोजा जिससे सच में फायदा मिलता है।
उपवास के सेहत के लिए फायदे! – Helth benefits of Intermittent fasting in Hindi
दोस्तों हमने आध्यात्म में उपवास का उद्देश्य और फायदा तो देख लिया अब Intermittent fasting के असली फायदे देखते है जो स्वास्थ्य के लिए है।
Intermittent Fasting test Benefits in Hindi
आपको पता होगा की वृत्त-उपवास रखने से वजन बढ़ता है। इसलिए इन्हे अक्सर नी रखने की सलाह दियी जाती है। लेकिन इस तरह के उपवास से आपका वजन तो कम (Lose weight fast) होगा ही और साथ में मानसिक तनाव, Blood pressure , कैंसर जैसी बीमारीयों से भी छुटकारा मिलने मे मदद होती है। और दिल भी तंदुरुस्त रहता है।
Intermittent fasting Kya hai? Hindi
आध्यात्मिक उपवास में जैसे निर्जली उपवास, एक फल उपवास आदी तरीके होते है वैसे ही अच्छे स्वास्थ्य के लिए Intermittent fasting यानी रूक-रूक कर उपवास एक वजन घटाने का कामयाब तरीका है। इसे बहुत से लोगों ने अपनाया है, और फायदा भी मीला है। वजन घटाने के लिए इस उपवास के तहत दिन में कुछ घंटे तक कुछ नहीं खाना होता है बाकी बचे हुए टाइम मे खा सकते है।
Intermittent fasting Speciality in Hindi
इस तरह के Intermittent fasting diet plan से हम कमज़ोरी या थकान महसूस नहीं होती यह एक तरह से Dieting plan है।
इस उपवास के चलते आप अपना निजी काम भी कर सकते है और सुर्यनमस्कार, योगा और अन्य व्यायाम भी कर सकते है। इससे शरीर को और भी ज्यादा फायदा पहुँचता है।
Intermittent fasting Kaise kare? in Hindi
हम जीस फ़ायदेमंद उपवास पद्धति की चर्चा कर रहे है उसे हम कैसे अपनायें उसके बारे में जानना जरूरी है। इससे Fasting sugar level भी नियंत्रित रखना आवश्यक है।
Weight loss के लिए यह उपवास पध्दती पूर्णता कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा कम तथा प्रोटीन और फाइबर की मात्रा अधिक वाला भोजन लेने पर ही निर्भर है।
16/8 का फार्मूला
Intermittent fasting के लिए सबसे ज्यादा प्रचलन में आया हुआ फार्मूला है 16/8 का, इसका अर्थ है 16 घंटे भुखा रहना और बाकी 8 घंटे में कभी-भी खा सकते है। उदाहरण की तौर पर समझिए, कोई व्यक्ति अगर अपना पहला भोजन दोपहर 12:00 बजे करता है तो उसको आखिरी भोजन रात 8:00 बजे निपटा देना चाहीए।
इस उपवास के प्लान में डायटींग करने का समय रात 8 बजे से सुबह 12:00 बजे तक का समय अच्छा माना गया है। क्योंकि इस समय के दौरान व्यक्ती का जादा टाइम नींद में ही गुजर जाता है। और सुबह की चहल-पहल मे प्रातर्विधी स्नान आदि होने तक 12:00 बजने का समय नज़दीक आ जाता है।
5/2 का फार्मूला
यह फार्मूला घंटो के लिए नहीं बल्कि दिन के लिए है। इस फार्मूले को अपनाने के लिए हफ्ते के 5 दिन 3 टाइम नॉर्मल खाना खा सकते है। और बाकी के दो दिन केवल 300 कैलोरी तक का भोजन कर सकते है। उदाहरण के लिए सोमवार से शुक्रवार तक साधारण भोजन और शनिवार और रविवार को कम कैलोरी भोजन ले। इस फार्मूले को Fast dieting के नाम से भी जाना जाता है।
1/1 फार्मूला
यह रूक-रूक कर भोजन करने की शुरूआत करने का एक बेहतर फार्मूला है इसमें 1 दिन खाना और एक दिन पुरा उपवास रखना अर्थात हर दूसरे दिन उपवास रखना है। अगर कभी भूख सहन नहीं होती तो उपवास वाले दिन 100 Calories तक का कुछ भी पदार्थ खा सकते है।
भोजन मिसींग फार्मूला
इस फार्मूले को अपनाने के लिए हमे 3 टाइम खाने के बजाए एक दिन Breakfast को मिसींग करे दूसरे दिन Lunch को मीसींग करे और तीसरे दिन Dinner को, चौथे दिन फिर डिनर-लंच-ब्रेकफास्ट सातवे दिन ब्रेकफास्ट-लंच-डिनर मीसींग करे। याद रहे जीस दिन डिनर नही किया उसके दूसरे दिन ब्रेकफास्ट स्कीप ना करे बल्कि डिनर से शुरू करे। बाकी भोजन भी कैलोरी मुक्त हो वरना फायदा नहीं पहुँचेगा।
इस उपवास के दरम्यान जो भी अन्न ग्रहण किया जाता है वह बिलकुल कम कैलोरी वाला होना चाहिए
और जीतना हो सके अधिक से अधिक पानी भी इस समय में पीना जरूरी है। इससे पेट खाली होने की वजह से शरीर में रुके हुए जहरीले तत्व पेशाब द्वारा बाहर निकल जाते है।
आप पानी के अतिरिक्त नारियल पानी, निंबु पानी आदी तरल पदार्थ भी ले सकते है। तथा उपवास तोड़ने के बाद पाचन के लिए हल्की चीजों का ही सेवन करना चाहिए।
Intermittent fasting सावधानियां
अगर बीमार है या तबियत ठीक नहीं है तो इस उपवास को नहीं करना ही बेहतर होगा। इसे शुरू करने से पहले एक बार अपने फॅमिली डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है।
ब्लडप्रेशर, मधुमेह की दवाई लेनेवाले, और Heart संबंधीत रोगों से परेशान व्यक्ति बीना अपने डॉक्टर की सलाह के इस तरह का उपवास बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं और कम उम्र वाले छोटे बच्चे इस उपवास को बिल्कुल ना करना अच्छा होगा।
उम्र के हिसाब से आपका वजन जादा नही है तो आप को यह उपवास नही करना चाहिए। मैने उम्र और आवश्यक वजन का चार्ट नीचे दिया है देख ले।
Weight chart by Age in Hindi
न्यू बॉर्न (नवजात)लड़का: वजन 3.3 किलो,
लड़की: वजन 3.2 किलो।
3 से 5 महीने
लड़का: वजन 6.0 किलो,
लड़की: वजन 5.4 किलो।
6 से 8 महीने
लड़का: वजन 7.8 किलो,
लड़की: वजन 7.2किलो।
9 से 11 महीने
लड़का: वजन 9.2 किलो,
लड़की: वजन 8.6 किलो।
1 साल की उम्र
लड़का: वजन 10.2 किलो,
लड़की: वजन 9.5 किलो।
2 साल की उम्र
लड़का: वजन 12.3 किलो,
लड़की: वजन 11.8 किलो।
3 साल की उम्र
लड़का: वजन 14.6 किलो,
लड़की: वजन 14.1 किलो।
4 साल की उम्र
लड़का: वजन 16.7 किलो,
लड़की: वजन 16.0 किलो।
5 साल की उम्र
लड़का: वजन 18.7 किलो,
लड़की: वजन 17.7 किलो।
6 साल की उम्र
लड़का: वजन 20.8 किलो,
लड़की: वजन 19.5 किलो।
7 साल की उम्र
लड़का: वजन 22.9 किलो,
लड़की: वजन 21.8 किलो।
8 साल की उम्र
लड़का: वजन 25.3 किलो,
लड़की: वजन 24.8 किलो।
9 साल की उम्र
लड़का: वजन 28.1 किलो,
लड़की: वजन 28.5 किलो।
10 साल की उम्र
लड़का: वजन 31.1 किलो,
लड़की: वजन 32.5 किलो।
11 साल की उम्र
लड़का: वजन 32.2 किलो,
लड़की: वजन 33.7 किलो।
12 साल की उम्र
लड़का: वजन 37.0 किलो,
लड़की: वजन 38.7 किलो।
13 साल की उम्र
लड़का: वजन 40.9 किलो,
लड़की: वजन 44.0 किलो।
14 साल की उम्र
लड़का: वजन 47.0 किलो,
लड़की: वजन 48.0 किलो।
16 साल की उम्र
लड़का: वजन 58.0 किलो,
लड़की: वजन 53.0 किलो।
17 साल की उम्र
लड़का: वजन 62.7 किलो,
लड़की: वजन 54.0 किलो।
18 साल की उम्र
लड़का: वजन 65.0 किलो,
लड़की: वजन 54.0 किलो।
19 से 29 साल की उम्र
लड़का: वजन 83.4 किलो,
लड़की: वजन 73.4 किलो।
30 से 39 साल की उम्र
लड़का: वजन 90.3 किलो,
लड़की: वजन 76.7 किलो।
40 से 49 साल की उम्र
लड़का: वजन 90.9 किलो,
लड़की: वजन 76.2 किलो
धन्यवाद! दोस्तों आप ने आर्टिकल को अंत तक ध्यान से पढ़ा, आशा करता हूँ की Hindi Hints की इस पोस्ट से आप को उपवास के आध्यात्मिक तथा स्वास्थ्य दोनों लाभ के बारे में पता चला होगा। स्वास्थ्य लाभ के लिए Intermittent fasting Benefits in Hindi पर हमने चर्चा की है। आप को यह आर्टिकल कैसा लगा कंमेंट बॉक्स में ज़रूर राय दे!