किन्नर कैसे जन्म लेते है? क्या है राज?

प्रगत विज्ञान युग में मनुष्यों ने नर मादा किन्नर के जन्म के रहस्य को लेकर जो संशोधन किया है उसमें xy xx chromosome की बहुत बड़ी भूमिका होने का दावा किया गया है। xy-xx chromosome se kinnar kaise janm lete hai? जिसके बारे में हम विस्तार से जानेंगे।

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गर्भ में बच्चों का लिंग कैसे तय होता है?

स्त्री और पुरूष के मिलन के बाद जब वीर्य द्वारा लाखों शुक्राणुओं में से किसी एक से स्त्री के अंडाणु से फर्टिलाइजेशन होता है तो बच्चे के जन्म की क्रिया शुरूआत होती है।

और इस क्रिया में विकास के चलते 3 माह का समय गुजरता है तो तीसरे महीने में बच्चे का लिंग निर्धारण होता है। और नीचे दिए गये जानकारी अनुसार गुण सूत्रों (Chromosome के मिलान से लड़का, लड़की, स्त्री किन्नर, पुरूष किन्नर ऐसे लिंग का निर्धारण होता है।

इसी जटिल प्रक्रिया को हम आगे आसान भाषा में समझेंगे।

गुण सूत्र (Chromosome) किसे कहते है?

गुण सूत्र प्रोटीन की बहुत से जटिल अणुओं द्वारा बनते हैं इनकी खोज स्ट्रासबर्गर नामक वैज्ञानिक द्वारा 1875 ई. सन मे की गयी थी। बाद में इसके लिए क्रोमोसोम ( रंगीन काय ) शब्द का प्रयोग 1889 में वाल्डेयर ने सर्वप्रथम किया था।

पुराने जमाने से मतलब इस धरती पर जीवन की उत्पत्ति जबसे हुई है, तब से लेकर आज के समय तक एक जीव से दूसरे जीव में या एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में, जो सूचनाओं का आदान-प्रदान होता आया है उसका एकमात्र माध्यम गुण सूत्र (Chromosome) है। न जाने कितनी पीढ़ियाँ गुज़र चुकी है।

किसी भी सजीव का गुण सूत्र उसका अपना ब्लू प्रिंट होता है। उस ब्लू प्रिंट मतलब गुण सूत्र में उस जीव की सभी सूचनाएं जैसे आकार, शरीर की रचना, कलर इ. उस गुण सूत्र में निहित होती हैं और यही गुण सूत्र आगे शुक्राणुओं द्वारा उसके संतानों में अग्रेषित होता है। अर्थात एक सजीव की आनुवंशिक सूचना दूसरे सजीव में गुण सूत्र के माध्यम से हि प्रवेश करती है।

इसमें आनुवंशिक बिमारीयाँ, अच्छे-बुरे गुणदोष भी अग्रेषित होते है। आप ने देखा होगा की किसी को कोई शरीर के अंदर या बाहर से कोई बीमारी या दोष हो तो डॉक्टर अक्सर पूछते है की पहले घर में किसी को ऐसा था क्या? इसका कारण यही है।

प्रगत विज्ञान युग में किसी के भी गुण सूत्र से हम उसके बारे में बहुत कुछ जानकारी हासिल कर सकते है। जैसे डीएनए फ़िंगर प्रिंटिंग इसका प्रमुख उदाहरण है इसका मेडिकल साइंस के क्षेत्र मे तथा आपराधिक केस को सुलझाने में बहुत बड़ा उपयोग हो रहा है।

आने वाले आधुनिक समय में बहुत सारी आनुवंशिक बीमारियों का पता लगाना और उसे हमेशा के लिए इलाज कराना बहुत ही आसानी से इन गुण सूत्र( डीएनए फ़िंगर प्रिंटिंग) की सहायता से कर सकेंगे।

चीन जैसा क्षेत्र विस्तार का लालची देश अपनी आधुनिक सेना के लिए कुछ ऐसे मानव प्रजाती का निर्माण कर रहा है जिन्हे ना भुक-प्यास का एहसास होता है ना कीसी दर्द का, उनका शरीर ठंडी-गर्मी का असर ना होने वाला पत्थर जैसा सख़्त होगा और भावनाशुन्य मन जिसे हम निर्दयी कहते है। ऐसे मानव को वह मनुष्य के गुण सूत्र (Chromosome) में बदलाव कर के तयार कर रहे है। मतलब स्त्री के गर्भ में प्रत्यारोपण कर के पैदा कर रहे है।

तो अब आप अच्छी तरह समझ गये होंगे की गुण सूत्र क्या है और सजीवों में उनका क्या महत्व है।

एक्स वाय-एक्स एक्स गुण सूत्र क्या है?-What is xy xx chromosome in Hindi

PLOS जीव विज्ञान में प्रकाशित एक संशोधन अध्ययन अनुसार लड़का और लड़की लिंग निर्धारण के लिए जो गुण सुत्र जिम्मेदार वह X और Y आकार के है। इसलिए उन्हे अंग्रेजी के इसी अक्षर से पहचानते है।

हर प्राणी और पक्षी में गुण सूत्रों की संख्या कम ज्यादा हेती है। मनुष्यों में गुण सूत्रों की संख्या 23 जोड़े मतलब 46 गुण सूत्र होती है।

इन 23 जोडों से 22 जोड़ों को ऑटोसोम्स (Autosomes) कहा जाता है। तथा बाकी 1 गुण सूत्र के जोड़े को लिंग गुण सूत्र (Sex Chromosome) कहा जाता है। इस एक गुण सूत्र से ही गर्भ में बच्चे का लगभग तीसरे महीने मे लिंग का निर्धारण होता है।

लिंग निर्धारण के लिए xy xx chromosome कैसे कार्य करता है?

पुरूष के वीर्य में XY और स्त्री के वीर्य में XX गुण सूत्र पाये जाते है।

पुरुष – 22 Autosomes² + XY (लिंग गुण सूत्र )

महिला – 22 Autosomes² + XX (लिंग गुण सूत्र )

संभोग के बाद स्त्री के अंडाणु के साथ पुरूष के एक शुक्राणु से निशेचन प्रक्रिया होती है उस समय पुरुष का एक X गुण सूत्र, महिला के एक X गुण सूत्र से युग्मन करता है तो लड़की का जन्म होता है।

और जब पुरुष काे Y गुण सूत्र का महिला के X गुणसूत्र से युग्मन होता है तो होने वाली संतान लडका होता है।

आप इस प्रक्रिया को नीचे दिये गये चित्र को ध्यान से देखेंगे तो अच्छी तरह समझ जायेंगे।

 

xy-xx chromosome se kinnar kaise janm lete hai

xy-xx chromosome se kinnar kaise janm lete hai?

हम ने देखा की जैसे नर और मादा के लजनम के लिए xy xx chromosome जिम्मेदार है वैसे किन्नर अर्थात  हिजड़ों के जन्म के लिए भी यही जिम्मेदार है बस दुर्घटना वश इनकी रचना बदल जाती है।  वो कैसे होता है हम आगे देखेंगे। 

किन्नर (हिजड़ों) के जन्म के लिए कौन से क्रोमोसोम का युग्म होता है?

नर और मादा इन दो वर्ग को छोडकर मनुष्य में तीसरा वर्ग भी होता है जिसे हम तृतीय पंथी, किन्नर, हिजडा या नपुंसक लिंगी आदि शब्दों से पहचानते है।

लड़का या लड़की पैदा होने में गुण सूत्रों के उपर के गणित को समझने के बाद अब आप ज़रूर सोच रहे होंगे की तृतीय पंथी अर्थात किन्नरों का जन्म किस कारण से होता है?

यौन संशोधन प्रणाली (sex-determination system) अनुसार नपुंसकलिंग के लिए कौन से गुण सूत्र का युग्म होता है?

पुल्लिंग = XY
स्त्रीलिंग =XX
किन्नर =???

और इसका जवाब है।

किन्नर = XXX
किन्नर =YY
किन्नर =OX

जी हाँ आप ने सही पढ़ा है। किन्नर के पैदा होने के लिए गुण सूत्रों का तीन प्रकार से गलत युग्म जिम्मेदार है।

XXX Chromosome से पैदा हुए किन्नर (Third gender) के लक्षण

जब XXX क्रोमोजोम्स युग्म होता है तो लड़की किन्नर पैदा होती है। एक अध्ययन अनुसार इस युग्म से पैदा हुए किन्नर स्त्रियों के साथ रहना पसंद करते हैं और पुरूषों के प्रति आकर्षित होते है।

उनका सभी व्यवहार लडकियों जैसा होता है। और उन्हे पहचानना बेहद कठिन भी होता है। वह अपने आयु की 13 साल बाद जब मैच्योरिटी का समय आता है तो उसके पिरियड शुरू नहीं होते और योनी का विकास भी नहीं होता।

ऐसे में वह शुरूआत में अपने आप को छिपाने की कोशिश करते है, कुछ तो शादी करके घर बसाते है लेकिन अंत उजागर हो जाता है क्योंकि वह मां नही बन पाते है।

उनकी योनी  विकास ना होने कारण वो संबंध बनाने में असमर्थ होते है।

YY Chromosome से पैदा हुए किन्नर (Third gender) के लक्षण

जब YY क्रोमोजोम्स का युग्म होता है तो लड़का किन्नर पैदा होता है। वह पुरूषों में रहना पसंद करता है लेकिन उसमें कुछ लड़कियों जैसे गुण भी होते है।

पुरूष किन्नर होने का भी पता आयु के 13 वर्ष केे बाद हि होता है जब उसके लिंग का विकास नहीं हो पाता और पेनीस बच्चे की तरह छोटा रह जाता है।

इसी नपुंसकता के कारण उसके हावभाव में सामान्य पुरूषों की तरह मर्दानी हावभाव नहीं होते। बल्कि उसकी अपनी एक अलग चलन और अदाएँ होती है। जिसके कारण समाज को सके किन्नर होने का पता चलता है।

वह स्त्री और पुरुष का मिक्स रूप दिखता है, उसके आवाज़ में भी परिवर्तन होने लगता है जो की महिला और पुरुष से थोड़ा भिन्न लगता है।

किन्नर क्यों पैदा होते है? – Why areThird gender born? in Hindi

दोस्तों हमने उपर किन्नर कैसे पैदा होते है समझ लिया अब आगे देखेंगे की लड़का या लड़की के बजाए किन्नर क्यों पैदा होते है?

किन्नर के पैदा होने के लिए निम्नलिखित दोष जिम्मेदार है।

1. गर्भ अवस्था के तीसरे महीने में बीमारी की वजह से किसी तरह का बुुखार आना और उसे कम करने के लिए हेवी डोज लेने से उसका आसर गर्भ में क्रोमोसोम पर पड़ता है।

फिर वह बुखार सर्दी जुखाम वाला मामुली भी हो तो भी हेवी डोज से बचना चाहिए। दवाई लेने से पहले डॉक्टर को अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में महिला को बताना चाहिए।

2. गर्भावस्था की पहले 3 महीने के दौर में महिला का एक्सीडेंट होना या गर्भ को किसी तरह की चोट पहुँचना भी किन्नर के जन्म का कारण हो सकता है।

3. गर्भ में शिशु को नुकसान पहुँचाने वाली दवाइयाँ या कोई विचित्र पदार्थ खाना जो सुसंगत ना हो खाने से भी बच्चा किन्नर पैदा होने का डर रहता है।

4. केमिकल के उपयोग से उगाये या पकाये गये फल, सब्जीयों का खाना भी Third Gender बनने के लिए जिम्मेदार है।

5. इनके अतिरिक्त 10-15% केस में जेनेटिक डिसऑर्डर के कारण भी बच्चे के लिंग निर्धारण पर प्रभाव पड़ सकता है।

इस आर्टीकल का उद्देश्य:

  • हिन्दी ऑप्शन डॉट कॉम का यह आर्टीकल
  • बेटा-बेटी पैदा होने पर स्त्री को दोषी मानने वाले सामाजिक अज्ञान को दुर करता है।
  • आपके सामान्य ज्ञान को बढाता है
  • किन्नर के जन्म संबंधित अंधश्रद्धाओं को दूर करता है।
  • महिला को तीसरे महिने में गर्भ की विशेष देखभाल के लिए प्रेरित करता है।
  • लड़का-लड़की लिंग निर्धारण को लेकर वैज्ञानिक संशोधन की जानकारी द्वारा रहस्य को उजागर करता है।

आशा करता हूँ की मित्रों Hindi Option की इस पोस्ट से आपका लड़का और लड़की के लिए लिंग निर्धारण को लेकर ज़रूर कन्फ्युजन दूर हो गया होगा। xy xx chromosome द्वारा लिंग निर्धारण से लड़का-लड़की या किन्नर कैसे जन्म लेते है? इसपर हमने विस्तार से जानकारी पढ़ी है। इस बारे में आप के पास कुछ और जानकारी है तो कमेंट में अवश्य लिखे।

आप ने इस आर्टीकल को अंत तक ध्यान से पढ लिया इसलिए आपका दिल से धन्यवाद!

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Balram Bomanwad

मैं बलराम बोमनवाड आप को प्रणाम करता हूँ। मुझे ख़ुशी है की आप ने आप की खोज से संबंधित सामग्री ढूंढ़ने के लिए मेरी वेबसाइट का चयन किया है। मुझे आशा है की आप बिलकुल निराश नहीं होंगे आप के प्रश्न और समस्या का समाधान करना ही मेरे इस वेबसाइट का उद्देश्य है। और मुझे भरोसा है की आप अपनी खोज के लिए बार-बार मेरे साइट पर आएंगे। अपनी अनमोल राय कमेंट बॉक्स में लिखे। आप का दिल से धन्यवाद !
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