साबूदाना शाकाहारी है या मांसाहारी? कैसे बनता है? (2023)

उपवास के इस स्वादिष्ट व्यंजन के उत्पादन को लेकर समाज मे तरह-तरह की अफवाहें है, क्योंकि ये खास पदार्थ देशभर मे नहीं बल्कि केवल विशिष्ट मौसम वाले खेतों मे ही उगाया जाता है इसलिए Sabudana shakahari hai ya mansahari? हम आज जानेंगे।

 

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जानिए Sabudana Shakahari hai ya Mansahari?

कुछ आफवाओं  के कारण साबूदाना उपवास व्रत मे खाये या नही? तथा Sabudana shakahari hai ya mansahari? इन प्रश्नों को लेकर बहुत से लोगों के मन मे उलझने होगी।

सबसे पहले यह बात दिमाग से निकाल दो की साबूदाना शाकाहारी नही होता, साबूदाना पुर्णतया प्राकृतिक है। जो की पाम प्रजाति के पौधों की जड़ मे मिलने वाले एक गुदे से बनाया जाता है, हमारे देश मे तामिलनाडु राज्य  इसका प्रमुख उत्पादक है।

आजकल एक प्रचार चालू है की, पौधों के गुदों को महीनों तक किसी हौद मे सडाया जाता है, जिसपर बड़े-बड़े फ़ोकस लगे होते है, जिसके कारण उस खुले हौद मे हजारों कीटक गिरकर मरते है, तथा उसमे सड़न की वजह से बहुत से जीव जंतु पैदा होते है, फिर उसे पैरों से कुचला जाता है, और बने हुये माल को सुखाकर उससे आटा बनाया जाता है, जिससे फिर साबु के दाने बनाये जाते है, जो की साबूदाना है। यह अफवाहें १००% झूठी है।

दोस्तों मुझे यकीन है की  Sabudana shakahari hai ya mansahari?  इस प्रश्न को ढूंढ़ते हुए आप मे से बहुत से लोगों ने बिल्कुल इसी प्रकार की प्रक्रिया के बारे में सुना होगा। जो कि बिल्कुल झूठ है। जैसे मैंने पहले भी कहा कि साबूदाना बिल्कुल प्राकृतिक शुद्ध शाकाहारी है।

दोस्तों मैं आपने लेख को कभी भी बिल्कुल लंबा नही खींचता, और ना ही घूमा-फिराता हूँ, इसलिए चलिए झट से मैं आपको बता देता हूँ की साबूदाना कैसे बनता है? असली प्रक्रिया क्या है? जिससे आप लोग उपवास या व्रत में खाने के लिए हिचकिचाए नहीं।

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साबूदाना कैसे बनता है ? – Sabudana kaise banta hai?

आपके मन मे भी ये सवाल आया होगा की भारत के उपवास व्रत मे खाये जाने वाला ये साबूदाना किस पेड़ से बनता है? 

वास्तव मे ये साउथ अमरीका का पौधा है। जो पोर्तुगाली व्यापारी अफ्रीका ले गये थे। और वहाँ से ये 1943-44 मे भारत आ पहुँचा। इसकी फसल करीब 9 से 10 महीने मे तैयार हो जाती है, इसके छिलके मे हलके मात्रा मे एक ज़हरीला रसायन होता है इसलिए इसे खेत से निकालते ही तुरंत प्रक्रिया मे लिया जाता है।

इसको 100 डिग्री तापमान मे उबालकर इसका छिलका निकाला जाता है। फिर छोटे छोटे टुकड़ों मे काटकर कड़ी धुप मे सुखाया जाता और फिर आगे की प्रक्रिया के लिए इसे संग्रहीत करके गोडाउन मे रखा जाता है।

जब इसका साबुदाना बनाना हो इसे पानी के साथ अच्छे से पिस कर इसका दूध निकाला जाता है। जिसे तीन-चार बार छान कर उसे शुद्ध बनाया जाता है। फिर इस दूध को एक टंकी मे रखा जाता है जिससे कुछ घंटो बाद उसमे का पानी उपर आ जाता है जिसे निकालने के बाद टंकी मे गाढ़ा दूध बचता है जिसमे केवल 35% नमी रहती है। इसे मशीन डालकर 12% नमी वाला पावडर बनाया जाता है। जो की गाढ़े  क़िचड की तरह होता है।

किंतु एकदम सफेद कलर का जिससे मशीन मे ही गोल-गोल दानों का आकार देकर सुखाया जाता है। जिसे हम साबूदाना कहते है। कच्चे दानों को भट्टी के बड़े तवों पर नारियल का हल्का सा तेल लगाकर गरम किया जाता है। अब इस प्रकिया के लिए भी मशीनें आयी है। तलने वाला जो नायलॉन शाबुदाना होता है। उसे बनाने के लिए उन्ही कच्चे दानों को मशिन मे बॉयलर द्वारा भांप दिया जाता है। फिर उसे कड़ी धुप मे सुखाया जाता है। जिससे चमक भी आती है और नमी भी निकल जाती है।

तो मित्रों आशा करता हूँ की Hindi Option यह Vrtt me khaane vaala Sabudana shakahari hai ya mansahari?पोस्ट पढ़ कर अब आपकी उलझन दूर हो गयी होगी। और आपको यह पोस्ट ज़रूर पसंद आयी होगी| नीचे कमेंट मे अपनी राय देना नहीं भूलना धन्यवाद!

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Balram Bomanwad

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