भगवान की कृपा 100% किस पर होती है?

मांगने को तो हर कोई बहुत कुछ मांगता है लेकिन सबकी मन्नत पुरी नही होती लेकिन हमे ऐसा कुछ मांगना चाहिए  जो जरूरी भी हो, जिससे सभी मांगे पुरी हो और भगवान मना भी नहीं कर सके। इसलिए आज हम पढ़ेंगे भगवान की कृपा (God’s grace)100% किस पर होती है?
 
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भगवान से क्या मांगे?

यह पोस्ट भगवान पर आस्था रखने वाले समस्त आस्तिक लोगों समर्पित है। जिनका भगवान नाम की शक्ति पर विश्वास नहीं कृपया वो यह पोस्ट ना ही पढे तो अच्छा है। क्योंकि पुरी आस्था और श्रद्धा से भगवान से बहुत कुछ मांगने पर कुछ ना कुछ God’s grace मिलता है। तभी तो लोग इतनी लंबी कतारें लगाकर दर्शन मे खड़े होते है। कोई सुबह जल्दी उठकर प्रार्थना करते है श्रद्धा-भाव के साथ मेहनत भी सफल हो।
इसलिए हमे कुछ Demand के लिए भक्ति या प्रतिज्ञा करने से पहले प्रकृति के नियमों का पालण करना होगा। क्योंकि हम यानी आत्मा सुख के लिए परमात्मा से जो कुछ मांगते है प्रकृति से ही प्राप्त होता है। और प्रकृति के भी अपने कुछ नियम है जिसे टाल कर हमे भगवान दे भी सकते है लेकिन हमारी भक्ति उस लेवल की नहीं होती जैसे मृत्यु प्रकृतिका नियम है। फिर भी कहते है हनुमानजी को, जामुवंत जी को, परशुराम जी को भक्ति से अमर्त्य प्राप्त हुआ था। अब हम लोगों की भक्ति कहां?

भगवान हमसे क्या चाहते है?

कुछ लोगों की शारीरिक दोष हो कर भी भगवान से संतान प्राप्ती की मन्नते मांगते है। चाहते है भगवान कुछ God’s grace हो अर्थात भगवान चमत्कार करे। करेंगे भी लेकिन हमारी भक्ति का क्या? इसलिए भगवान से संतान मांगना है तो, शारीरिक दोष दूर करने का स्वयं प्रयत्न करो। वो सफलता जरूर देगा। एक कहावत भी है “हिम्मत दे मर्दा तो मदत दे खुदा”
दवाईयों से शरीर का प्राकृतिक दोष दूर करने का पुरूषार्थ करके प्रकृति नियम अनुसार शरीर को बच्चा प्रजनन के अनुकूल बनाना है। फिर उसमे चाहे तो सफलता के लिए God’s grace मांग सकते है। भक्ति सही है तो 100% ज़रूर Demand पुरी होगी। भगवान तो बैठे ही है देने के लिए। तो by the grace of god सब कुछ मिलेगा।

प्रकृति का नियम क्या है?

मनुष्य सुखों की आती उपभोग के लिए प्रकृति के नियमों का भी उल्लंघन करता है। जिसका बुरा परिणाम उसे भुगतना पड़ता है। (प्लास्टीक का उपयोग उसका ताज़ा उदाहरण है) और जो सुख मनुष्य के बस मे नहीं, वो God’s grace मनुष्य भगवान से मांगता है। लेकिन प्रकृति के नियमों का पालण नही करना चाहता। प्रकृति का पहला नियम है “रिटर्न करना” आप जो उसको दोगे वही किसी भी रूप मे उल्टा आप को देगी। इसलिए Demand करना हो तो देते भी जाओ।

 मांगने के लिए देना जरूरी है

भगवान से God’s grace मांगने से पहले आप को कुछ देना जरुरी है। जबतक आप किसी को खुशी नहीं देते आपको भी खुशी नहीं मिलती। हम ज्यादा अध्यात्मिकता मे नहीं जाएंगे। लेकिन कर्मों का सिद्धांत यही है। सभी धर्मों मे दान पुण्य आदी की प्रथा इसी कारण चली आयी है। इसलिए आप अपनी प्रवृत्ती पात्र देखकर दान देने वाली बना लो। तभी आप के मन्नतों को फल प्राप्त होगा। यही प्रकृति का नियम है। हम जिसे भाग्य-भाग्य कहते है, वो और कुछ नही बल्कि हमारे किए हुए कर्मों का संचीत रिटर्न रूप है। इस मे भगवान केवल कल के बजाए, मन्नत मांगने से आज देते है बस।
आप ने एक कहावत सुनी होगी, समय से पहले और भाग्य से ज्यादा कुछ नही मिलता। मेरे विचार से मुझे ऐसा अभास होता है कि यह आर्ध सत्य होगा। भाग्य से ज्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता यह तो १००% सही है। किंतु संचीत भाग्य को भक्त मिन्नतों या मन्नतों से अपने लिए आवश्यक समय पर मांग सकते है। फिर भी सबकुछ विधि लिखित होता है। इसलिए मांगने से मिले, या अपने आप मिले, उसे समय से पहले नहीं कहा जा सकता। क्योंकि समय बड़ा बलवान है। उसे देना है तभी तो आप में मांगने कि इच्छा उत्पन्न करता है।
मन्नत से ज्यादा दुआ काम करती है। कहते है दुआ हर ज़ख्म की दवा है। इसलिए दुआ जमा करो।

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अपने बजाय दूसरों के लिए मांग लो

अगर आप सच में God’s grace चाहते हो तो अपने बजाय दूसरों के लिए मांगो। दुआ उसी को मिलती है जिसका भाव निस्वार्थ हो। वरना राजनीति वग़ैरा मे फेमस होने के लिए गरिबों को खाना खिलाने वाले तो बहुत है। मैं यह नहीं कह रहा कि, केवल दान धर्म से ही दुआ मिलती है। जिस के पास धन की कमी है वह अगर अपने बजाए दूसरों के सुख की कामना करेंगे, चाहे वो दुश्मन ही क्यों ना हो, तो फिर देखना प्रकृति का चमत्कार।
मांगने वालों कि लाइन मे एक भी अगर दूसरों के लिए खड़ा होता है, तो भगवान कि नजर सबसे पहले उस पर पड़ती है। और जिस पर भगवान कि नजर पडे वह खुद दुखी कैसे रहेगा? इसलिए एक कहावत है, “कर भला तो हो भला अंत भले का भला” अर्थात आप दूसरों का भला करते जाओ, आप का भला अपनेआप होगा। आप भले हो तो God’s grace से आप का अंत तक भला ही होता रहेगा।
कुछ लोगों का भाग्य बहुत बड़ा होता है। जो मांगो वो मिल जाता है। या फिर मांगने से पहले ही मिलता है। फिर भी उनकी इच्छा कभी खत्म नहीं होती। बात-बात मे मन्नते मांगते रहते है। उनके लिए हम कहना चाहेंगे अगर पुनर जन्म पर विश्वास है तो अपना भाग्य खर्च ना करों। समय पर God  अपने आप सबकुछ देगा। इसलिए इच्छाओं को नियंत्रीत करो।

मनुष्य की इच्छा कब पूर्ण होगी?

कहा जाता है इच्छा मनुष्य स्वभाव का एक गुण है। झूठ बिल्कुल झूठ, शायद ऐसा झूठ इसलिए कहा जाता होगा की, “इच्छा” त्यागने की इच्छा ही नही होगी। वास्तव मे मनुष्य का असली गुण तो शान्ति है। इसलिए तो मृत्यु के बाद उसकी आत्मा के लिए मौन रखकर शान्ति की कामना करते है। ताकी वह इच्छा से अतृप्त हो कर भटके नहीं।
इच्छा सुख से जुड़ी है। जिसकी जालीम दवा है, “संतुष्टता” जो केवल शान्ति में समाविष्ट है।
इसी बात को मई और गहन तरीके से बताऊँगा तो आप समझ जायेंगे। आत्मा का मूल गुण धर्म है शांति और प्रकृति के पांच तत्व के अलग-अलग  गुण धर्म से मिलकर एक गुण धर्म बनता है भोग अर्थात इच्छा जो आत्मा के प्रकृति में आते ही उसे जखड़ लेता है जिसके कारण वो अपना असली गुण धर्म शांति भूल जाती है और भगवान से शांति के बजाए सांसारिक भोग इच्छा की मन्नते मांगते है। कोई संतान मांगता है तो कोई नौकरी।

भगवान से क्या (God’s grace) मांगना चाहिए?

 इसलिए भगवान से केवल और केवल शान्ति का दान मांगना चाहिए। शांती से संतुष्टि आती है। और संतुष्टि से ‘इच्छा’ का प्रभाव कम होता है। और जब इच्छा नियंत्रीत होती है, तो अपार सुख की अनोखी अनुभूती होती है। God’s grace की अनुभति होती है। इस अवस्था को दिव्य अवस्था भी कहा जाता है। क्योंकि इसमे दुख लेश मात्र भी नहीं होता। और ना ही भक्त भगवान से Demand करने वालों के लाइन मे नजर आता है। इसलिए शान्ति मांगने का और मिलने का मतलब है सबकुछ 100% मिलना।
आशा करता हूँ कि Hindi Option कि भगवान की कृपा (God’s grace)100% किस पर होती है? यह पोस्ट आप को ज़रूर पसंद आयी होगी और आशा है कुछ ना कुछ ज़रूर फायदा हुआ होगा। आप ने संपूर्ण पोस्ट दिल लगाकर पढ़ी है, इसलिए मेरा भी आपको दिल से धन्यवाद!
 

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Balram Bomanwad

मैं बलराम बोमनवाड आप को प्रणाम करता हूँ। मुझे ख़ुशी है की आप ने आप की खोज से संबंधित सामग्री ढूंढ़ने के लिए मेरी वेबसाइट का चयन किया है। मुझे आशा है की आप बिलकुल निराश नहीं होंगे आप के प्रश्न और समस्या का समाधान करना ही मेरे इस वेबसाइट का उद्देश्य है। और मुझे भरोसा है की आप अपनी खोज के लिए बार-बार मेरे साइट पर आएंगे। अपनी अनमोल राय कमेंट बॉक्स में लिखे। आप का दिल से धन्यवाद !
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