हार्ट अटैक से कैसे बचें? प्राथमिक उपचार क्या है?

हां हम दिल का दौरा 100% रोक सकते है। Heart attack से कैसे बचें? प्राथमिक उपचार क्या है? इसकी जानकारी लेख मे हम पढेंगे। पढ़ने के बाद आप ज़रूर समझ जायेंगे की कैसे समय पर सावधान रहकर और प्रथम उपचार कर के स्वयं को कैसे ह्रदयघात से बचा सकते है। सबकुछ अपने हाथ मे है। तो चलिए आगे  पढ़ते है।

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Heart attack क्यों आता है?

शरीर मे अतिरिक्त चरबी कोलेस्ट्रॉल के रूप में जब नसों मे किसी जगह जम जाती है तो वह नसों को ब्लाक करके रक्त प्रवाह मे बाधा डालती है। और जब वह पूर्ण 90-100 टके ब्लाक होता है तो हर्ट अटैक आता है।

Heart attack कैसे आता है?

क्या आप जानते है प्रत्यक्ष दिल का दौरा आते समय प्रत्यक्ष क्या-क्या तकलीफ़ अनुभव होती है?

Heart attack आते समय सिने मे जकडन के साथ ह्रदय की आस-पास तेज़ दर्द होने लगता है। सांस फुलती है। और घबराहट के साथ बेचैनी होने लगती है।

शरीर ठंडा पड़ने लगता है और बहुत तेज़ पसीना आने लगता है दिल सिकुड़ रहा है ऐसा लगता है और

आंखों के आगे अंधेरा सा छाने लगता है। कांधे, हाथ, गर्दन, जबडा, दाँत और पीट मे तीव्र दर्द उठता है। और कभी-कभी चक्कर आने कारण व्यक्ति ज़मीन पर गिर जाता है, सुध बुध खो देता है। अटैक नॉर्मल नही है तो बेहोश हो जाता है या फिर जान चली जाती है।

हार्ट में ब्लॉकेज के लक्षण क्या है?-What are the Symptoms of Heart block? in Hindi

अब हम देखेंगे Heart Blockage के लक्षण अर्थात “हार्ट अटैक आने से पहले क्या होता है?” क्या-क्या संकेत मिलते है। Symptoms of Heart attack? 

सामान्यत: दिल की धडकनें, खुशी और गम में कम ज्यादा हो सकती है लेकिन अगर बहुत ज्यादा समय तक आपको अनियंत्रित लगे तो आप को तुरंत हृदय चिकित्सक (Heart doctor) को दिखाने की आवश्यकता है।

ब्लॉकेज का दूसरा लक्षण यह है की अगर ब्लॉकेज बढ रहे है तो दिल खून सप्लाई को ठीक से पंपींग नहीं कर सकने की वजह से पैरों मे पंजों मे या एडियों मे सूजन आ जाती है। कभी-कभी ओठों की पृष्ठ पर निलापण भी आने लगता है।

सांस लेने मे तकलीफ़ होना, सांस अटकना या फिर पूर्ण सांस लेने पर भी मन नही भरना सांस की कमी महसूस होना यह भी Blockage और दिल के दौरे के लक्षण है। खून द्वारा ऑक्सीजन ठीक तरह से शरीर में नहीं पहुँच पाने से ऐसी अधमरी स्थिती बनती है।

सिने मे कई भी असहजता महसूस हो अथवा दबाव या जलन महसूस हो तो यह ब्लॉकेज के भरने की शुरूआत हो सकती है इसलिए तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

जब नसों मे ब्लॉकेज बनना शुरू हो जाते है तो दिल को खून सप्लाई करने के लिए अधिक मेहनत करनी पडती है जिसका परिणाम पुरे शरीर पर पड़ता है और व्यक्ति बिना परिश्रम किये भी थकान महसूस करता है। हमेशा आराम करने का मन करता है।

लंबे समय तक सर्दी या उसके लक्षणों का बने रहना भी नसों मे ब्लॉकेज की ओर इशारा करती है। रक्त संचार के लिए दिल की मेहनत जब बढ जाती है तो दबाव के कारण फेफड़ों मे रक्त संचार होने लगता है। परिणाम स्वरूप थुकने के बाद कफ़ मे से सफेद या गुलाबी रंग का बलगम निकलता है।

ब्लॉकेज के कारण दिल से दिमाग की ओर जाने वाले खुन मे कमी आने लगती है जिस कारण दिमाग तक आवश्यक ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाती परिणाम स्वरूप सर हल्का महसूस होता है और निरंतर चक्कर आने लगती है।

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Heart attack के प्रकार

आम तौर पर हम लोगों को दिल का दौरा पड़ने का कारण कोलेस्ट्रॉल का बढ़ाना इतना ही पता होता है। लेकिन  विवध कारणों से हार्ट अटैक आता है या हार्ट की समस्या होती है। जिसे हम Heart attack के प्रकार भी कह सकते है।

  1. Myocardial infarction
  2. Congestive Heart Failure
  3. Viral Myocarditis

Myocardial infarction kya hai? in Hindi

Myocardial infarction अर्थात हिंदी में रोधगलन, मांसपेशियों में किसी कारन खून की गुठली बनकर खून के प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है। जिसके कारण सीने में दर्द होता है, क्यों की तब  ऑक्सीजन की कमी वाली मांसपेशी से धीरे-धीरे रसायन निकलने लगता है। इसी सिटी को हम आम भाषा में “दिल का दौरा” कहते है। जो Myocardial infarction है।

मायोकार्डियल इंफार्क्शन के लक्षण कोन से है?

  • भारी-भारी जैसा महसूस होना।
  • सीने में दबाव, दर्द, जलन और सुन्नपन जैसा महसूस होना।
  •  पेट सहित हाथ, कंधे, पीठ,जोड़ों या शरीर के ऊपरी अंगों में बेचैनी सी महसूस होना।
  • ठंड लगने के साथ पसीना आना
  • सांस लेने में तकलीफ होना।
  • जी मिचलाना और उल्टी होना।
  • सर चक्कराना, कमजोरी और चिंता महसूस होना
  • दिल की धड़कन तेज़-धीमी होना।

Congestive Heart Failure kya hai? in Hindi

हार्ट अटैक के मामले में  मसल्स तक रक्त का पहुंचना बिलकुल बंद हो जाता है, जिसके कारण हार्ट अटैक आता है। वहीं कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में  ब्लड की सप्लाई पूर्णता से बंद नहीं होती बल्कि हृदय को आवश्यकता के अनुसार रक्त की सप्लाई नहीं मिल पाती है,और दिल में दर्द होता है। किन्तु इस स्थिति में दिल पूरी तरह से कार्य करना बंद नहीं करता है।

सामान्यता दिल की मांस पेशियाँ कमजोर होने कारण दिल की पंपिंग व्यवस्था धीमी गति से काम करना शुरू करती है। और रोगी Congestive Heart Failure से जूंझता है।इसलिए दिल को मजबूत करने वाला अहार लेने की सलाह डॉक्टर हमेशा दिल के रोगियों को देते है।

Viral Myocarditis kya hai? in Hindi

Viral Myocarditis कोई हार्ट अटैक का प्रकार नहीं है बल्कि यह दिल की मांसपेशियों में इंफेक्शन और सूजन की समस्या कारण है। यह संक्रमणकारी रोग कार्डियोट्रोपिक वायरस द्वारा होता है। जो बहुत ही काम लोगों में पाया जाता है।

इस अनौपचारिक मौसमी संक्रमण से दिल की मानस पेशियों में सूजन आने की वजह से खून का परवाह धीमा होता है या थम जाता है जिसकी वजह से Hart attack आने की सम्भावना बढ़ जाती है।

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महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण क्या है – Heart disease symptoms in women

महिला और पुरूषों के ह्रदयघात  के लक्षण भिन्न हो सकते है। सामान्यतः उपर दिए गये लक्षण तो सभी मे  होते ही है किंतु महिलाओं मे कुछ अलग लक्षण भी हार्ट की समस्याओं की तरफ इशारा करती है। थकान, पसीना, चक्कर, तेज़ पेट दर्द, छाती मे जलन होना आदी विशेष लक्षण दिल की बीमारी वाली महिलाओं मे दिखते है।

हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या उपाय करना चाहिए?

हमने उपर ह्रदयघात के लक्षण देखे है लेकिन जैसे की हमने इस लेख के शिर्षक में लिखा है Hart attack से कैसे बचे?? तथा “हार्ट अटैक से बचने का क्या उपाय है?” इसके बारे में अब विस्तार से जानेंगे

सबसे पहले नसों को बंद कर दिल दौरा दिलाने वाले अपने कोलेस्ट्राल का लेवल 130mg/dl तक रखने का प्रयास करे। इसके लिए अपना सभी भोजन बगैर तेल के बना सकते है लेकिन मसलों का प्रयोग बिल्कुल बंद ना करे।

अपना वजन 25BMI अर्थात बॉडी मांस इंडेक्स तक सीमित रखे इसके लिए तेल का कम खाना, रेषों वाले पदार्थ का सेवन, फलों का सलाद, नियमित व्यायाम आदि का उपयोग करके वजन घटा सकते है।

उच्च रक्त का दबाव ब्लॉकेज को डबल गती से बढाता है इसलिए हमेशा इसी की गती 120/80mmhg तक सीमित रखने का प्रयास करे इसके लिए डॉक्टर की सलाह से हल्की दवाएँ ले सकते है साथ मे कम नमक खाना, तनाव कम करना, ध्यान योग करना आदि उपचार अपना सकते है।

मनो वैज्ञानिक तनाव दिल की बीमारियों की प्रमुख वजहों में से एक है इसलिए Heart attack से बचने के लिए अपने तनाव को 50% तक कम करे इसके लिए सकारात्मक विचारों से अपना जीवन बदल सकते है।

नियमित टहलने. (वॉकिंग) के लिए जाने से आपका अच्छा वाला कोलेस्ट्राल  HDL बढ़ता है। टहलते समय चलने की गती ज्यादा तेज़ ना हो नियंत्रित हो जिससे सिने में दर्द ना हो और हाँफने से बचे।

हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या खाए?

कम तेल वाला खाना, कम नमक वाला खाना और कम चीनी वाला खाना Blood pressure और डायबिटीज़ के साथ दिल की बीमारी होने वाले लोगों को खाना चाहिए। बाकी खाने मे सलाद के साथ लौकी जैसी रेषेदार फलो की सब्जी खाना चाहिए।

ह्रदयघात से बचने के लिए दवाई के रूप मे आयुर्वेद में अर्जुनारिष्ट और पिपल के पत्तों का काढा लेने की सलाह दियी जाती है और इसका फायदा भी शत प्रतिशत देखने को मिलता है। लेकिन आयुर्वेदीक हो या एलिओपॅथी बिना वैद्य की सलाह के नहीं लेना चाहिए।

दिल के दौरे से बचने के लिए सुबह खाली पेट 4 से 5 खजूर का सेवन करे और साथ हि एक ग्लास गुनगुने पानी में दो चमच शहद डाले तथा उसमें दो-चार बुंद निंबु निचोडकर पीये। याद रहे उसके बाद दो घंटे तक कुछ नहीं खाना है। फिर दो घंटे बाद हल्का सा नाश्ता कर सकते है। इससे शरीर की धमनियों में चिपका हुआ कोलेस्ट्राल धिरे-धिरे कम होता है।

हार्ट अटैक से बचने के लिए उपायों का एक ख़ास और विस्वसनीय विडिओ जरूर देखें।

हार्ट अटैक पर प्रथम उपचार क्या है?

देखिये मै दिल का दौरा आने पर समय गवाँने वाली कोई सलाह नही देना चाहता। एक पल भी ना गवाँये तुरंत अस्पताल पहुँचे लेकिन अस्पताल पहुँचने तक रास्ते मे हम प्रथम उपचार करके मरीज़ की जान बचाने मे मदद कर सकते है।

Heart attack आने पर प्राथमिक उपचार” करने के लिए सबसे पहले वह व्यक्ति हि स्वयं को बचा सकता है जिसे दिल का दौराआया हो उपर दिये गये लक्षण अगर शुरू हो जाये तो तुरंत ज़ोर-ज़ोर से खांसना शुरू करे यहाँ तक की खांसने मे पुरी शक्ति लगा दे।

इससे होगा यह की हमारी नसों मे कुछ तनाव मिलेगा और भी ब्लॉकेज बना है वहां पर खुन पास होने मे कुछ राहत मिलेगी। याद रहे घबराहट महसूस हो तो भी घबराना नही और निगेटीव्ह विचार बिल्कुल मन मे नहीं लाना है।

दूसरी बात अगर पास मे कोई नही है तो अपनी हार्ट वाली साइड की छाती को ज़ोर ज़ोर से रगडे और यदि कोई पास है तो वह Patient को सीधे जमीन पर लीटाकर उसकी छाती के केंद्र पर दोनों हाथ एक के उपर एक रखकर ज़ोर ज़ोर से पंपींग करे। यह प्रति मिनट 100 से 120 बार तक लगातार समान अंतराल से करे।

इससे जान बचने की संभावना 12% तक रहती है। साथ मे नाक को उंगलियों से पकड़ कर मुहँ से मुहँ लगा कर कृत्रिम श्वास देते रहे। और जीतने जल्दी हो सके ऑक्सीजन सिलेंडर द्वारा कृत्रिम सांस का प्रबंधन करे।

आशा है मित्रों की आप Hindi Option की Heart attack se kaise bache ? प्रथम उपचार क्या है? इस पोस्ट द्वारा पढ़ा की ब्लॉकेज के लक्षण अर्थात दिल का दौरा आने के पूर्व लक्षण क्या है? हार्ट अटैक से बचाव कैसे करे और प्रत्यक्ष आने पर कैसा अनुभव होता है तथा प्रथम उपचार क्या है, बचाव के लिए क्या खाना चाहिए इत्यादि.

लेकिन आर को सच मे इससे मदद मिले और यह पसंद आयें तो ज़रूर कमेंट बॉक्स राय लिखना। इस पोस्ट को शेयर करना। आप ने अपना कीमती समय निकाल कर यह पोस्ट पढ़ी इसलिए मेरा भी आपको दिल से धन्यवाद!

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Balram Bomanwad

मैं बलराम बोमनवाड आप को प्रणाम करता हूँ। मुझे ख़ुशी है की आप ने आप की खोज से संबंधित सामग्री ढूंढ़ने के लिए मेरी वेबसाइट का चयन किया है। मुझे आशा है की आप बिलकुल निराश नहीं होंगे आप के प्रश्न और समस्या का समाधान करना ही मेरे इस वेबसाइट का उद्देश्य है। और मुझे भरोसा है की आप अपनी खोज के लिए बार-बार मेरे साइट पर आएंगे। अपनी अनमोल राय कमेंट बॉक्स में लिखे। आप का दिल से धन्यवाद !
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