पतंग उड़ाने के फायदे और नुकसान कोनसे है?

दोस्तों पिछली पोस्ट मे हमने पंतंग कैसे उड़ाए? इस विषय मे जानकारी प्राप्त की, मित्रों ने उस पोस्ट को बहुत ज्यादा पसंद किया इसलिए उनका धन्यवाद! इस पोस्ट मे अब हम जानेंगे की पतंग उड़ाने के फायदे और नुकसान – Health benefits of kite flying in Hindi क्या है?

 

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पतंग क्यों उड़ाते है?-Why do Kites fly? in Hindi

सबसे पहले हम यह जानेंगे की पतंग क्यों उडाये जाते है उसके बाद फायदा और नुक सान, Health benefits of kite flying जानेंगे।

भारत देश मे पतंग उड़ाने का कनेक्शन धार्मिक परंपरा और श्रद्धा से जुड़ा हुआ है जैसे की…

हिन्दू धर्म के तमिल की तन्दनानरामायण में उल्लेख अनुसार प्रभु श्री राम ने पहली बार पतंग उड़ायी थी, जो इंद्रलोक तक पहुँची तब से लेकर अब तक त्योहारों पर पतंग उड़ाने का प्रचलन चलता आया है।

हिन्दू धर्म मे और एक मान्यता ऐसी भी है की अगर कोई मनोकामना पतंग पर लिख कर उड़ाते है तो वह ईश्वर तक पहुँचती है और भगवान उसे ज़रूर पुरा करते है। इसके अतिरिक्त Health benefits of kite flying और वैज्ञानिक कारण और फायदे भी है जो हम आगे देखेंगे।

पतंग उड़ाने का दिन कब है?-When is Kite day? in Hindi

पतंग उड़ाने के लिए भारत में दो दिन बहुत ही शुभ मुहुर्त माने जा ते है उस में से पहला है, सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करने का दिन।

विज्ञान अनुसार पृथ्वी के मकर रेखा पर सूर्य की किरणें बरसती है और तब से दिन बड़ा और रात छोटी होने लगती है। यानी गर्मी के मौसम की शुरूआत होती है। यह दिन अक्सर 14 या 15 जनवरी को होता है।

ज्योतिष अनुसार सूर्य मकर राशि में संक्रमण ( प्रवेश) करता है। इसलिए उस दिन को मकर संक्राति कहते है। मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने का प्रचलन बहुत ही पुराना और आनंददायी है।

पतंग उड़ाने का दूसरा मुहर्त बसंत पंचमी को आता है जो फरवरी में आती है। इस दिन बच्चे बुढे हर आयु के लोग पुरी मस्ती के साथ झुमते हुए घरों की छतों पर या किसी मैदान मे Kite flying का आनंद उठाते है। इस दिन ऊँचा उड़ाने की या फिर पतंग काटने की शर्तें लगाई जाती है।

इसके अतिरिक्त पंधरा अगस्त, तीज और रक्षाबंधन के शुभ मौके पर भी देश मे पतंगे उड़ाई जाती है।

पतंग कैसे उड़ाए तरीका विधि – Kite flying method

जैसे हम सायकल चलने का अभ्यास करते है, पानी में तैरने का अभ्यास करते है, ठीक वैसे ही हमको  पतंग उड़ने के लिए सबसे पहले उसकी Practice करना ज़रुरी है। उसके लिए पहले सबसे छोटी पतंग ले और एक खाली ग्राउंड का चुनाव करे।

याद रहे पहला सराव घर की छत पर ना करे।  जब हवा तेज़ चलने लगे तो किसी दोस्त को कुछ दूरी पर से अपने पतंग ऊपर उछालने को कहे।  पतंग की जो डोर अपने हाथ में है उसे उछालते ही अपनी और खींचते रहे और जैसे ही पतंग थोडी सी ऊपर जाये बीच-बीच में धागा छोड़ते रहे। उसे ढील देना कहते है।

पतंग को ज्यादा ऊंचा उड़ने के लिए झटके के  ढील देते हुए धागा छोड़े उसके बाद एक उचित मुकाम पहुँचने पर पतंग हवा पर खुद ही  सवार हो जायेगी। आप को बस धागा पकड़कर उसका नियंत्रण करना है।

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पतंग उड़ाने के क्या लाभ हैं?- Health benefits of kite flying in Hindi

नब्बे प्रतिशत धार्मिक परंपरा या रितीरिवाज पर्यावरण और विज्ञान से संबंध रखते है। उन्हे मनुष्य की भलाई को ध्यान मे रखकर पूर्वजों ने चालू किया है। इसलिए पतंग उड़ाने के भी फायदे मनुष्य के लिए बहुत सारे है।

  • पतंग उड़ाते समय सुर्य की रोशनी लगातार शरीर पर पड़ती है और मकर संक्रांती को सूर्य उत्तरायण में जाने के कारण उससे मिलने वाली सूर्य किरणें मनुष्य के शरीर के ल‍िए औषधि जैसा काम करती हैं। इससे भरपूर मात्रा में शरीर को विटामिन “डि” मिलता है जो हमारी हड्डियों को बेहद मजबूत बनाने के काम आता है।
  • दक्षिणायन के समय मे सर्दी वाले मौसम के कारण होने वाली शुष्क त्वचा संबंधी समस्याओं से भी सूर्य की रोशनी के कारण छुटकारा मिलता है। इस दिन तिल खाने और नहाते समय तील का तेल शरीर पर मलने की भी प्रथा है।
  • पतंग उड़ाते समय नजर निरंतर पतंग पर टिकी रहने की वजह से मन की एकाग्रता बढती है। आँखों का तेज़ लौटता है तथा चश्मे से छुटकारा मिलने की संभावना बढती है।
  • पतंग का धागा छोड़ने ढील देने और फिर से खींचने के कारण हाथ-पैर दिमाग तथा पुरे शरीर को भरपूर व्यायाम मिलता है। पतंग उड़ान पानी में तैरने से कम नहीं होता बस यहाँ डुबने का डर नही होता फिर भी छत पर संभल के ही रहना पड़ता है।
  • Health benefits of kite flying से सुस्त व्यक्ति मे भी चंचलता आती है। वह शारीरिक बौद्धिक रूप से चंचल बनता है। ज्यादा दौड़-धुप या हलचल के कारण शरीर भी नियंत्रित रहता है।
  • पतंग उड़ाने से मनुष्य शरीर और प्रकृति का आपस में ज्यादा संबंध आता है जिसका अच्छा आसार उसके स्वास्थ्य पर पढता है।  इसलिए साल में कम से कम दो से तीन बार पतंग जरूर उड़ाना चाहिए।

पतंग उड़ाने के नुकसान – Disadvantages of Kite flying in Hindi

मित्रों पतंग उड़ाने मे वैसे कोई खास नुकसान नहीं है लेकिन किसी भी खेल या रेस में सावधानी ना बरती जाये तो नुकसान होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे ही पतंग उड़ाने में क्या सावधानी जरूरी है और ना पता हो तो “पतंग उड़ाने से नुकसान क्या होता है?” इस बारे मे आगे पढिए।

पतंग उड़ाने से शरीर का क्या होता है?- Body Health benefits of kite flying

पतंग उड़ाने से शरीर को नुकसान से ज्यादा फायदा है किन्तु सावधानी बरतना बहुत ज़रुरी है।  इसलिए हम कुछ नुकसान की भी चर्चा करते है।

पतंग उड़ाते समय सावधानी ना बरतने से शरीर का बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। आज तक सैंकड़ो बच्चे और बडे छत से गिरकर मर चुके है या अपने हाथ पैर गवां चुके है।

इसलिए जितना हो सके छत के बजाए मैदान में पतंग उड़ाने के लिए जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त मांझे से गला कट कर जान चले जाने की खबर भी पिछले दिनों सुनने मे आयी थी।

पतंग उड़ाते समय हवा अगर सूरज की दिशा मे बह रही हो तो पतंग भी उसी दिशा में उडेगी तथा निरंतर पतंग को देखने के कारण सुरज की रोशनी सीधे आँखो पर गिरती है जिसकी वजह से आँखों का नुकसान हो सकता है। तेज़ रोशनी से अंधे भी हो सकते है।

 

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पतंग के मांझे से क्या नुकसान हो सकता है?

दोस्तों की Health benefits of kite flying जानकारी पढ़ रहे हो तो आप को मांझे के बारे में पूरी जानकारी पढ़नी होगी। आजकल पतंगों के लिए चायनीज मांझा का उपयोग किया जा रहा है जो बेहद खतरनाक है इसकी वजह से मनुष्य और पक्षियों को गंभीर चोटें आ रही है।

इतना ही नही यह बेहद सख़्त मांझा जब Mortar cycle की टायर्स के चपेट मे आता है तो उसका बैलेंस बिघडकर बड़ी दुर्घटनाएँ भी होती है।

धातु की परत चढ़े हुए मांझे जब बिजली के तारों को छूते है तो बिजली का झटका लगने से पतंगबाजों की मौत हो सकती है तथा Shot circuit से बिजली विभाग का भी नुकसान होता है।

कटी हुई पतंगों के पिछे दौड़ने से सडक दुर्घटनाएं होने की संभावनाएँ बनी रहती है। और इससे Health benefits of kite flying नहीं होता।

पतंग उड़ाने के लिए सावधानी – Precautions for Kite flying in Hindi

आप को अगर Health benefits of kite flying से सच में लाभ उठाना है तो नीचे लिखी हुई सावधानी का पालन करना होगा।

  1. तेज़ धुप में पतंग ना उड़ाए और ना ही हवा का बहाव कम होने के बाद पतंग उड़ाए। लगातार धुप लगने से से चक्कर आ सकती है, बीमार गिर सकते है। और हवा का बहाव कम होने से पतंग बारबार ज़मीन पर आएगी और उसके पिछे दौड़ना पड़ेगा।
  2. मैदान में सुरक्षित जगह पर पतंग उड़ाने का आनंद ले। अनुभव ना हो तो छत पर बिल्कुल पतंग ना उडाये।
  3. पतंग उड़ाने से पहले हाथों मे सूती कपड़े के हैंड ग्लोज पहनना ना भूले इससे हाथ भी नही कटेंगे और हाथ मे पसीना भी नही आएगा।
  4. धातु की परत वाला मांझा उपयोग ना करे बिजली के तारों से चीपकने के बाद झटका लगता है। जान भी जा सकती है।
  5. काला गॉगल पहन कर पतंग उडाएं। इससे सूरज की किरणें सीधे आँखो से नही टकराएँगीं और आँखें सुरक्षित रहेगी।
  6. पतंग का मांझा किसी मनुष्य या पशु-पक्षी से टकरा ना पायें इसका ध्यान रखे। गंभीर जखम हो सकते है।
  7. फटी पतंग की तीलीयों से बचे आँखो मे लगकर ज़ख्म हो सकती है। फटी पतंग तुरंत कूड़ेदान मे फेंक दे।
  8. पतंग उड़ाने के लिए चाइना का घातक मांझा बिल्कुल उपयोग ना करे तथा पतंग उड़ाने वाले और मांझा छोड़ने लपेटने वाले में तालमेल बनाएँ रखे वरना मांझा रगडने से शरीर पर कहीं भी ज़ख्म हो सकते है।

आशा करता हुँ मित्रों Hindi Option की Health benefits of kite flying इस पोस्ट पढने के बाद से आपको पतंग उड़ाने में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। Patang udane ke fayde यह विशेष पोस्ट पतंग उत्सव पर आपके आनंद को दुगना करने के उद्देश्य से ही लिखी गयी है।

आप ने अपना कीमती समय दे कर Health benefits of kite flyingइस पोस्ट को ध्यान से पढ़ा इसलिए दिल से धन्यवाद!

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Balram Bomanwad

मैं बलराम बोमनवाड आप को प्रणाम करता हूँ। मुझे ख़ुशी है की आप ने आप की खोज से संबंधित सामग्री ढूंढ़ने के लिए मेरी वेबसाइट का चयन किया है। मुझे आशा है की आप बिलकुल निराश नहीं होंगे आप के प्रश्न और समस्या का समाधान करना ही मेरे इस वेबसाइट का उद्देश्य है। और मुझे भरोसा है की आप अपनी खोज के लिए बार-बार मेरे साइट पर आएंगे। अपनी अनमोल राय कमेंट बॉक्स में लिखे। आप का दिल से धन्यवाद !
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