जीडीपी क्या है? कैसे तय की जाती है?

देश के विकास की बात चलती है तो उसके GDP के बारे मे चर्चा होती है। हम आम नागरिकों के मन में प्रश्न आता है की आखिर यह जीडीपी है किस बला का नाम?
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जीडीपी का फूल फॉर्म क्या होता है- Full form of GDP in Hindi

सबसे पहले जानेंगे हम “जीडीपी की परिभाषा क्या है?” (GDP definition) फिर आगे बढेंगे।

GDP full form

का पुरा अर्थ होता है…

Gross Domestic Product

G= Gross = सकल, संपूर्ण, कुल मिलाकर

D= Domestic = घरेलू

P= Product = वस्तु, पदार्थ, सेवा

जिसे हिन्दी मे सकल घरेलू उत्पादन कहा जाता है।

तो यह थी GDP meaning  अब हम देखेंगे वास्तव में ये है क्या?

 

सकल घरेलू उत्पाद क्या है?-What is GDP in Hindi

निश्चित अवधी यानी 1 साल के लिए देश की सीमा मे उत्पादित वस्तु और सेवाओं का कुल बाजार मूल्य को ही सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है। देश की Audit के लिए यह एक आर्थिक संंकेतक जैसा है जो राष्ट्र के कुल उत्पादन को गिनता है।

देश के हर नागरिक तथा उद्योगों द्वारा उत्पादित सामग्री और सेवा भी इसमे शामिल है। जी. डी. पी. देश के जीवन स्तर और अर्थव्यवस्था (Standard of living and Economy) की समृद्धि को दर्शाती है।

जैसे किसी छात्र के मार्क सीट से पता चलता है की कितने मार्क्स मिले और वह किस विषय मे कमजोर है या किस विषय मे पारंगत ठीक वैसे ही GDP growth या फिर growth down से देश आर्थिक गतिविधियों के स्तर का पता चलता है और गिरावट किस सेक्टर से आयी या तेजी मे कौन सा सेक्टर है पता चल जाता है।

मान लो Electronic सेक्टर से देश की जीडीपी स्तर मजबूत हो रहा है और Electric सेक्टर से गिरावट तो सरकार अगले साल इलैक्ट्रानिक के बजाये इलेक्ट्रीक पर अपना ध्यान फ़ोकस करेंगी।

जीडीपी मे अगर गिरावट दिखे ते यह भारत जैसे विकासशील राष्ट्रों के लिए बहुत चिंता का विषय है। देश की उत्पादन स्थिति का खराब प्रदर्शन देश की उन्नति को रोकता है।

सन 2019-20 और 21 कोरोना (COVID-19) की वजह से लॉकडाउन (LOCKDOWN) के कारण भारत की उत्पादन और सेवाओं पर बहुत बुरा असर पडा और देश आर्थिक मंदी की ओर झुकने लगा।

कुछ साल पहले इस मापन मे स्वास्थ्य, शिक्षा,  बैंकिंग तथा कंप्यूटर जैसी भिन्न-भिन्न सेवाओं अर्थात सर्विस सेक्टर को भी जोड़ा गया। वैसे तो जीडीपी का मापन सालाना होता है लेकिन भारत मे इसे हर तिमाही मे किया जाता है।

सकल घरेलू उत्पाद कौन तय करता है?

“जीडीपी कौन जारी करता है?”

सकल घरेलू उत्पाद को तय करने का काम Central Statistics Office अर्थात केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय का है। जो सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है।

जीडीपी के प्रकार : Types of GDP in Hindi

जीडीपी को दो प्रकारों में गिना जाता है।

1. Nominal GDP– यह जीडीपी सभी आँकड़ों के उपस्थित कीमतों पर तय होती है। इस जीडीपी को आधार बनाकर केंद्र सरकार ने पांच ट्रिलियन की Economy बनाने की बात कही है।

2. Real GDP– रिअल जीडीपी मे महंगाई के परिणाम को भी ध्यान मे रखा गया है जैसे की किसी वस्तु के मूल्य मे 20 रूपये की बढ़ौतरी हुई और महंगाई 8% है तो उसके रिअल मूल्य मे बढ़त केवल 12 फीसदी की ही मानी जाएगी।

सकल घरेलू उत्पाद गणना कैसे करते है?

सकल घरेलू उत्पाद के मापन का “मानक” आर्थिक सहयोग विकास संघटन (OECD), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र और वर्ल्ड बैंक के सदस्यों ने मिलकर तय किया है?

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भारत की जीडीपी कैसे तय हेती है? : How is determined India’s GDP? in Hindi

अब हम देखेंगे की अपने देश यानि “भारत की GDP कैसे निकालते है?

भारत के जीडीपी की गणना हर तीन महीने में एक बार होती है। भारत एक कृषि प्रधान देश है तो जाहिर है भारत की जीडीपी भी उससे जुड़ी क्षेत्रों पर आधारित होगी। भारत में कृषि, उद्योग और सेवा इन क्षेत्रों को प्रमुखाता दियी गयी है।

लेकिन जीडीपी के आंकड़ों को इन आठ सेक्टरों से एकत्रित किया जाता है. इनमें कृषि, उत्पादन, इलेक्ट्रिसिटी, फ़ाइनेंसिंग, गैस सप्लाई, खुदाई, क्वैरीइंग, Construction, वानिकी और मत्स्य, होटल, व्यापार और संचार, रियल एस्टेट और बीमा, व्यापार सेवाएँ और कम्युनिटी, समाजिक और सार्वजनिक सेवाएँ भी शामिल हैं.

Gdp growth rate तय करने के लिए देश का उत्पादन, देश के नागरिकों का व्यक्तिगत उपभोग, Per capita income, व्यवसाय मे निवेश और सरकार द्वारा किया गया देश मे ख़र्चा इन सभी बातों को सकल घरेलू उत्पाद गणना मे जोड़ दिया जाता है।
इसके अतिरिक्त भारत से जो उत्पादन बेचा गया है उसमें से भारत के लिए खरीदी गयी चीजों की कीमत को घटा दिया जाता है। अर्थात निर्यात मे से आयात माइनस किया जाता है। और अंत मे जो आंकड़ा बचता है उसे भी जोड़ दिया जाता है।

GDP FORMULA क्या हैं?

देश के विकास दर की गिनती करने वाली “जीडीपी के लिए फॉर्मूला” कुछ इस प्रकार से है।

G.D.P. = C + I + G+ (X – M)

C= Consumption अर्थात उपभोग

देशकी जनता द्वारा व्यक्तिगत उपभोग किये गये व्यय जैसे भोजन, दवाईयाँ, किराया आदी को इसमे समायोजित किया गया है। किंतु इसमे नया घर शामिल नही है क्योंकि वह निर्माण क्षेत्र मे आता है।

 I= Investment अर्थात कुल निवेश

उत्पादन और सेवाओं पर सभी संस्थानों द्वारा घरेलू सीमा मे किये गये कुल खर्चे को ही कुल निवेश माना जाता है।

G= Government Spending अर्थात सरकारी खर्च

सरकारी खर्च अर्थात देश चलाने के लिए किया गया सरकार द्वारा किया गया भुगतान जैसे सीमा सुरक्षा के लिए हथियार खरीदना, सरकारी कर्मचारियों का वेतन देना इत्यादि।

X= Export अर्थात निर्यात

Export यानी निर्यात का अर्थ होता है अपने देश मे देश वासियों की जरूरत पुरी करने के बाद जो भी Gross national product बचता है उसे अन्य देशों को बेचना इन्ही अतिरिक्त उत्पादन और सेवाओं के मूल्य को जीडीपी की गनना मे जोड़ते है।

M= Import अर्थात आयात

जो सेवा और उत्पादन देश की जरूरत है और वह हमारे देश मे नहीं बनते अन्य देश से उसके खरिद को आयात कहा जाता है जिसके निर्धारित मूल्य को भी जीडीपी की गनना मे जोड़ते है। यानी X-M इस सूत्र अनुसार निर्यात में से आयात घटा देते है।

इस तरह इस सूत्र के आधार पर देश की सकल घरेलू उत्पाद को निकाला जाता है। इसी तरह GDP per capita भी निकाल सकते है।

 

विकास दर (GDP) कम होने का परिणाम

जीडीपी को आजकल विकास दर भी कहा जाता है क्योंकि इसका संबंध सीधे देश के विकास के मूल्यमापन से है। gdp दर के उतार चढ़ाव का किसी भी देश के विकास पर बहुत परिणाम होता है।  किसी भी देश का Best economies in the world सपना टूट जाता है।

जब जीडीपी घटती है तो सिधे इसका परिणाम देश की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। देश के निवेशक (Investor)भी अपना निवेश कम करते है। इसलिए स्वयं सरकार निवेशकों निवेश करने के लिए प्रोत्साहन देती है।

जीडीपी घटने का दूसरा परिणाम देश की जनता का जीवन मान नीचे आता है, अर्थात कल सुपर क्लास मे रेल यात्रा करने वाले आज जनरल मे आ जाते है। बेरोजगारी बढती है। लोग गरीबी रेखा के नीचे जाने लगते है। और देश की समग्र अर्थ व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होती है।

आशा है की अब Hindi Option की इस पोस्ट से आप देश के घाटे-मुनाफे मूल्यमापन को अर्थात जीडीपी को ज़रूर समझ चुके होंगे। GDP का मतलब क्या है? कैसे तय की जाती है? यह लेख आप को पसंद आया हो तो ज़रूर कमेंट करे और शेयर करे। पढने के लिए दिल से धन्यवाद!

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Balram Bomanwad

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