बच्चे की मालिश के फायदे – Benefits of Baby massage in Hindi
पुराने जमाने की दादी, नानी बच्चों की मसाज करते थे तो बच्चे चुस्त तंदुरुस्त रहते थे। बदलते जमाने मे कुछ बच्चों मे आती Weakness रहती है जिस कारण डॉक्टर उनकी मसाज या मालिश नही करने की सलाह देते हैं। लेकिन उन बच्चों को छोड़कर बाकी बच्चों की मसाज करना बहुत फ़ायदेमंद है। और उसके लिए Bacche ki malish karne ka tarika पता होना भी बहुत ज़रुरी है।
फायदा नंबर 1- हड्डियाँ मजबूत होती है
अगर Bacche ki malish karne ka tarika सही विधि से हो तो मालिश करने से बच्चों की हड्डियाँ बहुत मजबूत होती है और वह 9 से 10 महीने मे ही चलने लगते है। उसके बुढ़ापे मे लंबे समय तक हड्डियाँ साथ देती है।
फायदा नंबर 2- रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।
मालिश बच्चों के लिए एक योगा करने जैसा ही है। मालिश से बच्चे के शरीर को व्यायाम मिलता है। जिसके कारण बच्चा तंदुरुस्त रहता है और उसकी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।
फायदा नंबर 3- शरिर में चंचलता आती है।
मालिश करने से नसों को व्यायाम मिलने कारण बच्चों की शरीर का रक्त संचार अच्छी तरह संतुलित रहता है। जिसके कारण बच्चों मे बहुत चंचलता, उछल-कुद देखने को मिलती है।
फायदा नंबर 4- शारीरिक विकास मे तेजी
मालिश के कारण बच्चा निरोगी बनता है। दूध एवं खाद्य पदार्थ ठीक से हजम होने लगते है। और शरीर बलशाली बनने के साथ ही सर से लेकर पैरों की उँगलियों तक सब तेजी से विकसित होते है।
Bacche ki malish karne ka tarika क्या है?
स्टेप 1: सर की मालिश
सबसे पहले बच्चे के सर की मालिश नारियल या बादाम तेल से करे इससे बच्चे के बौद्धिक विकास को गती मिलती है और मगज की रक्षा करने वाली जो हड्डियाँ होती है वह मजबूत बनने लगती है। साथ मे बाल भी घने और मुलायम उगने लगते है।
स्टेप 2: चेहरे की मालिश
चेहरे की मालिश करते समय आँखों मे उँगली ना जाए खास ध्यान रखे, नाक और कानों की अच्छी मालिश करे। हो सके तो कान और नाक मे देशी गाय का एक-एक बुँद घी डाले। नाक मे डालने से थोड़ी जलन होती है और बच्चा रोता है लेकिन Bacche ki malish karne ka tarika यह उपाय सर्दी जुकाम के लिए कारगर साबित हुआ है।
स्टेप 3: गला और छाती की मालिश
सर Body का अहम हिस्सा है और उसको खून सप्लाई करने वाली सभी नसें गले से होकर गुजरती है इसलिए गले की आगे पिछे से मालिश करे। छाती की मालिश से बच्चे को Cough आदी की समस्या से आराम मिलता है।
स्टेप 4: कांधे और हाथों की मालिश
गले बाद कंधे और हाथों की मालिश कोहनी से लेकर हाथों की उँगलियों तक थोड़ा-थोड़ा तेल लगाकर करे।
स्टेप 5: पेट की मालिश
छाती की मालिश करते समय साथ मे पेट पर भी हाथ फेरना है दोनों की मालिश गोल-गोल उँगली घुमाकर करे याद रहे पेट पर ज्यादा दबाव ना डाले
स्टेप 6: कमर और जांघ की मालिश
कमर और जांघ मजबूत शरीर का एक अहम हिस्सा है जिसकी ठीक से मालिश होना जरूरी है इसलिए थोडे ज्यादा समय तक इसकी मालिश करें
स्टेप 7: पैर और घुटनों की मालिश
मनुष्य अपने जीवन काल मे कितने किलोमीटर का सफर अपने पैरों से करता है इसलिए बुढ़ापे मे घुटनों के दर्द का सामना करना पड़ता है। इसलिए बच्चों की पैर घुटनों की मालिश जमकर होना चाहिए।
स्टेप 8: एडियां और तलवों की मालिश
पैरों के साथ एडियां और तलवों की मालिश हल्के-हल्के रगड कर करना जरूरी है। ताकी उनमें मज़बूती आयें। और बच्चा चलते समय डगमगा कर ना गिरे।
स्टेप 9: पिछे से मालिश
जैसे सर से लेकर पैर तक आगे से मालिश की है ठीक उसी प्रकार बच्चे को पेट के बल लिटाकर पैर से लेकर सिर तक चढते क्रम से करे खास कर पीट के मनकों को ज्यादा समय दे। जो शरीर आधार स्तंभ होते है।
स्टेप 10 :हात पैर खिंचे
आखरी स्टेप Bacche ki malish karne ka tarika मालिश के बाद हर बार हाथ की कोहनी और पैर की एडियां पकड़कर खिंचे ज्यादा ज़ोर ना लगायें वरना ख़तरा हो सकता है। हाथ – पैर उँगलियाँ खींचने और चटकाने से बच्चे को दर्द होता है लेकिन बाद मे आराम मिलता है। (यह क्रिया केवल प्रशिक्षित लोग ही करे)
बच्चे की मालिश मे सावधानियाँ -Precautions in Baby massage in Hindi
बच्चे बहुत नाज़ुक होते है और उनके Organs बहुत छोटे होते है इसलिए बिल्कुल हल्के से तर्जनी और कनिष्टा उँगलियों के बीच की दो उँगलियों से मालिश करे जरूरत पड़ने पर ही सभी उँगलियाँ लगाये।
अपने हाथ अच्छी तरह साबुन से धो ले गंदे हाथों से भूलकर भी बच्चे की मालिश ना करे
हाथों मे अंगुठी या कोई धातु की चुडी पहनी हो तो मालिश से पहले उतार दे वरना बच्चे को चुब सकते है और ज़ख्म भी दे सकते है।
अपने नाखून काट कर बिल्कुल छोटे कर दे, मालिश रोज़ाना करते है तो हर 2 या 3 दिन बाद आपने नाखून काटना ना भूले।
मालिश के लिए सरसों का तेल अच्छा माना गया है फिर भी अपनी इच्छा से चुने और रोज़ाना बिल्कुल साफ बर्तन मे आवश्यक जीतना नया तेल ले मालिश के बाद बर्तन धो डाले।
अगर मालिश के समय बच्चा रो रहा है तो जिद्द ना करे छोड़ दे फिर दूसरे दिन Bacche ki malish karne ka tarika फॉलो करके धीरे-धीरे करे इससे आदत पड जाएगी।
बच्चे की आंखों मे तेल या कुछ भी ना डाले और ना उँगली से उसकी आँखों को छुए बस आँखो के आसपास की मालिश करे।
मालिश करते समय बच्चे के मनोरंजन की व्यवस्था करे कोई गाना बजाये, या खुद गाये, या फिर उसके साथ बातचीत भी कर सकते है। जिससे बच्चा हुँ हां करे उसको एन्जॉय लगे। आप उसे पसंदीदा खिलौना देकर भी उलझाकर रख सकते है।
मालिश के बाद बच्चे को अच्छे से नहलाये, मालिश सुबह शाम दो टाइम करे। नहलाते समय बच्चे की त्वचा के ऊपरी हिस्से का तेल ठीक से
Baby soap द्वारा धो डाले वरना बच्चे को हवा मे उड़ रही धुल मिट्टी चिपककर Infection हो सकता है।
दूध पीने के तुरंत बाद मालिश ना करे वरना बच्चा उल्टी कर सकता है। कम से कम आधा एक घंटे का अंतर रखे।
मालिश से बच्चे की त्वचा पर खुजली, फुंसी या कोई धब्बे दिखते है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह ले हो सकता है वह तेल बदलने को कहे या मालिश बंद करने को कहे। अपने मन से बच्चे के बारे मे कोई रिक्स ना ले।
सर्दी के मौसम मे हमेशा सुबह की धुप मे मालिश करें इससे दुगना फायदा मिलता है।
आशा करता हुँ की आप अब Hindi Option की इस पोस्ट की मदद से अपने बच्चे की अच्छी तरह मालिश और देखभाल कर सकेंगे। बच्चे की मालिश के 10 स्टेप | Bacche ki malish karne ka tarika पोस्ट पसंद आयें तो शेयर ज़रूर करना और कमेंट बॉक्स में अपनी राय लिखना। ध्यान से पढने के लिए दिल से धन्यवाद!